अफगान-पाक वार्ता: पाकिस्तान ने सीमापार आतंकवाद समाप्त करने की ‘साक्ष्य आधारित’ मांगें पेश कीं
वैभव माधव
- 07 Nov 2025, 10:20 PM
- Updated: 10:20 PM
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, सात नवंबर (भाषा) पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि उसने अफगान तालिबान शासन के साथ इस्तांबुल में जारी शांति वार्ता के तीसरे दौर के दौरान मध्यस्थ देशों तुर्किए और कतर को अपनी ‘साक्ष्य आधारित’ और ‘तार्किक मांगें’ सौंप दी हैं।
पाकिस्तान और अफगान तालिबान ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे से निपटने और दोनों पक्षों के बीच तनाव को और बढ़ने से रोकने के लिए बृहस्पतिवार को इस्तांबुल में तीसरे दौर की वार्ता फिर से शुरू की।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर हुसैन अंद्राबी ने कहा कि अफगान तालिबान शासन के साथ बातचीत बृहस्पतिवार को इस्तांबुल में शुरू हुई। वार्ता मध्यस्थों की मौजूदगी में शुरू हुई और इसमें उनकी सहभागिता रही।
अंद्राबी ने यहां अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने मध्यस्थों को अपनी साक्ष्य-आधारित, न्यायोचित और तार्किक मांगें सौंपी हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य सीमापार आतंकवाद समाप्त करना है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मध्यस्थों ने हमारी ओर से उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों तथा अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सिद्धांतों के आधार पर पाकिस्तान के रुख का पूर्ण समर्थन किया।’’
अंद्राबी के अनुसार मध्यस्थ पाकिस्तान की मांगों पर अफगान प्रतिनिधिमंडल के साथ बिंदुवार चर्चा कर रहे हैं।
अंद्राबी ने कहा कि सोशल मीडिया पर विशेष रूप से अफगान लोगों या खातों से प्रसारित की जा रही कोई भी अन्य जानकारी या तो शुद्ध अटकल है या जानबूझकर दी जा रही गलत सूचना है।
उन्होंने यह भी कहा कि अफगान तालिबान शासन से पाकिस्तान की मांग सीधी सी है कि उसे अफगानिस्तान की जमीन से गतिविधियां चला रहे घुसपैठियों को रोकना चाहिए।
पिछले महीने खुले सीमा विवाद के कारण इस्लामाबाद और काबुल के बीच उत्पन्न तनाव को कम करने के लिए इस्तांबुल में तीसरे दौर की वार्ता शुरू हुई थी। इससे पहले, 19 अक्टूबर को दोहा और 25 अक्टूबर को इस्तांबुल में हुई दो दौर की वार्ताओं में दोनों पक्ष विवादास्पद मुद्दों पर सहमति बनाने में विफल रहे थे।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 11 से 15 अक्टूबर के बीच हुई झड़पों में दोनों पक्षों ने मानव क्षति की पुष्टि की थी। हालांकि, एक अस्थायी संघर्ष विराम के बाद स्थिति को काबू में लाया गया था। इस संघर्ष विराम को बढ़ा दिया गया था और यह अब तक लागू है।
जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारी सीमा पार चरमंपथ का स्थायी समाधान खोजने के लिए तुर्किए में वार्ता कर रहे थे तो उसी समय दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी हुई।
बृहस्पतिवार को गोलीबारी के लिए दोनों पक्षों ने एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, स्थिति को बाद में नियंत्रित कर लिया गया।
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘हम आज चमन में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर हुई घटना के संबंध में अफगान पक्ष द्वारा किए गए दावों को सख्ती से खारिज करते हैं।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘गोलीबारी की शुरुआत अफगान पक्ष की ओर से की गई, जिसका हमारे सुरक्षा बलों ने तुरंत, संयमित और जिम्मेदार तरीके से जवाब दिया। पाक बलों की जिम्मेदारी पूर्ण कार्रवाई के चलते स्थिति नियंत्रण में आ गई और संघर्ष विराम अब भी लागू है।’’
मंत्रालय ने यह भी कहा, ‘‘पाकिस्तान वार्ता के लिए प्रतिबद्ध है और अफगान अधिकारियों से भी उसी भावना की अपेक्षा करता है।’’
इससे पहले, अक्टूबर में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने दावा किया था कि अफगान तालिबान के 206 और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के 110 चरमपंथी मारे गए थे, जबकि 23 पाकिस्तानी सैनिकों की भी मौत हुई थी।
भाषा वैभव