मैसुरु जिले में बाघ के हमले में किसान की मौत, नागरहोल और बांदीपुर में सफारी निलंबित
यासिर रंजन
- 07 Nov 2025, 09:17 PM
- Updated: 09:17 PM
बेंगलुरु, सात नवंबर (भाषा) कर्नाटक के मैसुरु जिले में शुक्रवार को बाघ के हमले में एक किसान की मौत हो गई जिसके बाद राज्य के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने तत्काल प्रभाव से नागरहोल और बांदीपुर बाघ अभयारण्य में सफारी गतिविधियों को निलंबित कर दिया है।
इसके साथ ही मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका वाले क्षेत्रों में ट्रैकिंग गतिविधियों पर भी तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया।
मंत्री ने बाघ पकड़ने के लिए जारी अभियान के लिए सफारी में कार्यरत वन कर्मचारियों को तैनात किए जाने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि मैसुरु जिले में सारागुर तालुक के हाले हेग्गुडिलु गांव में बाघ ने चौदय्या नायक (35) पर हमला कर दिया जिससे उनकी मौत हो गई। पिछले एक महीने के भीतर बाघ के हमले के कारण इस क्षेत्र में यह तीसरी मौत है।
मंत्री खंड्रे ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन बल प्रमुख) और मुख्य वन्यजीव वार्डन को दिए एक लिखित निर्देश में इन मौतों पर दुख व्यक्त किया तथा अगले आदेश तक दोनों अभयारण्यों में सफारी सेवाओं को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया।
खंड्रे ने कहा कि पिछले महीने मैसुर और कामराजनगर जिलों में बांदीपुर-नागरहोल वन क्षेत्र में बाघों के हमलों के कारण तीन लोगों की मौत होना ‘बेहद दुखद’ है।
मंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के अनुसार, पिछले हमलों के बाद 27 अक्टूबर को बांदीपुर में और दो नवंबर को चामराजनगर में समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें जिला प्रभारी मंत्रियों समेत स्थानीय विधायक भी मौजूद रहे।
खंड्रे ने कहा, ‘‘किसानों और स्थानीय निवासियों के साथ चर्चा की गई और चेतावनी दी गई कि ज़रूरत पड़ने पर सफ़ारी स्थगित की जा सकती है। लेकिन इसके बाद अब एक और दुखद घटना सामने आई, जिसने सभी को झकझोर दिया है।’’
उन्होंने अब नागरहोल और बांदीपुर में सफारी संचालन रोकने और मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका वाले क्षेत्रों में ट्रैकिंग स्थगित करने के स्पष्ट आदेश जारी किए हैं।
बयान में कहा गया है कि अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और प्रोजेक्ट टाइगर के निदेशक को भी मौके पर डेरा डालने तथा बाघ को पकड़ने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी आंतरिक कलह में फंसी हुई है और किसानों को पूरी तरह से दरकिनार कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के वन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले किसानों की अनमोल जिंदगियां लगातार जंगली जानवरों के हमलों की भेंट चढ़ रही हैं - यह खबर बेहद भयावह है। हमारे अन्नदाताओं की जान की कोई कीमत नहीं समझने वाला सरकार का रवैया बहुत निष्ठुरता की पराकाष्ठा को दर्शाता है।’’
विजयेंद्र ने सरकार से इन अमूल्य मानव जीवन को बचाने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया।
भाषा यासिर