न्यायालय के सख्त नियमों के बाद एमसीडी आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए 12 वैन तैनात करेगी
शफीक अविनाश
- 07 Nov 2025, 09:17 PM
- Updated: 09:17 PM
नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) अपने सभी 12 जोन में आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए एक-एक वैन तैनात करेगा और द्वारका में एक नए स्थायी आश्रय स्थल के निर्माण में तेजी लाएगा।
आवारा कुत्तों के प्रबंधन पर उच्चतम न्यायालय के नवीनतम निर्देशों को लागू करने के प्रयासों के तहत, इस नए आश्रय स्थल में लगभग 1,500 आवारा कुत्तों को रखा जाएगा।
एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शीर्ष अदालत ने अस्पतालों, स्कूलों, खेल परिसरों, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों जैसे परिसरों के प्रबंधन पर यह सुनिश्चित करने की प्राथमिक जिम्मेदारी भी डाली है कि कोई भी आवारा कुत्ता उनके परिसरों में प्रवेश न करे।
उन्होंने कहा, ‘‘इन संस्थानों के अधिकारियों को अपने परिसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने, पशुओं के लिए रखे गए खाने के बर्तन हटाने और आवारा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात करने के लिए कहा गया है।’’
अधिकारी ने कहा कि नगर निगम आवारा कुत्तों के प्रबंधन और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पूर्ण कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है।
एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पूरी तरह से पालन हो। टीमों को तदनुसार कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।’’
एमसीडी अधिकारी ने बताया कि विभाग पहले से ही शहर भर में 13 गैर सरकारी संगठनों और 20 पशु आश्रयों के साथ काम कर रहा है।
उच्चतम न्यायालय ने शैक्षणिक केंद्रों, अस्पतालों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों जैसे संस्थागत क्षेत्रों में कुत्तों के काटने की घटनाओं में ‘‘खतरनाक वृद्धि’’ का शुक्रवार को संज्ञान लिया और प्राधिकारियों को ऐसे कुत्तों को निर्दिष्ट आश्रय स्थलों में ले जाने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) सहित सभी प्राधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से आवारा पशुओं और मवेशियों को हटाया जाए।
इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता विजय गोयल ने सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों को हटाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश को ‘‘ऐतिहासिक’’ बताते हुए कहा कि आवारा कुत्तों के कारण पर्यटन उद्योग खतरे में पड़ सकता है।
आवारा कुत्तों के खिलाफ अभियान चलाने वाले गोयल, हाउसिंग सोसाइटी, पार्कों, पर्यटन स्थलों, हवाई अड्डों और अदालत परिसरों से आवारा कुत्तों को हटाने की मांग करते रहे हैं।
गोयल ने कहा, ‘‘अगर आवारा कुत्तों को नहीं हटाया गया, तो पर्यटन उद्योग खतरे में पड़ जाएगा।’’
उन्होंने कहा कि हाल ही में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में दो विदेशी कोचों को आवारा कुत्तों द्वारा काटे जाने से भारत की छवि धूमिल हुई है।
वहीं, पशु प्रेमी शुक्रवार को एक बार फिर सड़कों पर उतरे और उच्चतम न्यायालय के आदेश को वापस लेने की मांग की।
इस फैसले का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कनॉट प्लेस में जमा हुए। बाद में दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया और कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।
पशु अधिकार कार्यकर्ता प्रीति सिंह ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और राजमार्गों से कुत्तों को हटाने का मतलब होगा दिल्ली के लगभग 60 प्रतिशत आवारा कुत्तों की आबादी को हटाना।
उन्होंने कहा, ‘‘आवारा कुत्तों के रहने के लिए कोई उचित आश्रय स्थल नहीं है। उनकी मौजूदगी से किसी को कोई नुकसान नहीं हो रहा है। हम तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक इस फैसले को वापस नहीं ले लिया जाता।’’
एक अन्य प्रदर्शनकारी शकरूद्दीन ने कहा कि यह कदम ‘‘बेजुबान’’ जानवरों के साथ अन्याय है।
भाषा शफीक