‘हम चित्तपुर में पथ संचलन के लिए संघ के अनुरोध पर विचार करेंगे’ : कर्नाटक सरकार ने अदालत से कहा
देवेंद्र रंजन
- 07 Nov 2025, 08:22 PM
- Updated: 08:22 PM
बेंगलुरु, सात नवंबर (भाषा) कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह चित्तपुर शहर में पथ संचलन आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कलबुर्गी संयोजक द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी।
उच्च न्यायालय ने 30 अक्टूबर को आरएसएस के कलबुर्गी संयोजक अशोक पाटिल को निर्देश दिया था कि वह कलबुर्गी जिले के चित्तपुर शहर में प्रस्तावित पथ संचलन पर चर्चा करने के लिए पांच नवंबर को महाधिवक्ता कार्यालय में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करें।
याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरुणा श्याम और महाधिवक्ता (एजी) शशि किरण शेट्टी को भी सुचारू समन्वय सुनिश्चित करने के लिए बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया गया था।
न्यायमूर्ति एम जी एस कमल के समक्ष सुनवाई के दौरान अरुणा श्याम ने अदालत को बताया कि पांच नवंबर को महाधिवक्ता के नेतृत्व में हुई बैठक ‘‘बहुत बेहतर ढंग से संपन्न हुई’ और इसमें सभी पक्षों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपना पक्ष रखा है और चर्चा रचनात्मक रही।’’
महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राज्यभर में इसी तरह के मार्च के लिए 11 आवेदन लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकारी इन सभी पर विचार करेंगे और कुछ शर्तों के साथ अनुमति प्रदान करेंगे।
उन्होंने आश्वासन दिया कि, ‘‘हम एक बार के उपाय के रूप में सभी को अनुमति प्रदान करेंगे, इसे मिसाल के तौर पर नहीं देखा जायेगा।’’ उन्होंने इसे अंतिम रूप देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा।
दलील देते हुए, उच्च न्यायालय ने कहा कि पांच नवंबर की बैठक ‘‘सार्थक और सकारात्मक’’ रही थी।
इसने कहा कि याचिकाकर्ता की प्रस्तावित तिथियों 13 एवं 16 नवंबर के बारे में अनुकूल विचार किया जा रहा है और राज्य शीघ्र ही अपना निर्णय बताएगा। मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को होगी।
पांच नवंबर को हुई बैठक, 24 अक्टूबर को अदालत के पूर्व निर्देश के बाद बुलाई गई दूसरी ऐसी बैठक थी, जब अदालत ने राज्य को प्रस्तावित मार्च को लेकर चित्तपुर में तनाव की खबरों के बाद आयोजकों के साथ एक शांति समिति की बैठक आयोजित करने के लिए कहा था।
कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियंक खरगे के गृह क्षेत्र चित्तपुर में अधिकारियों ने शांति और कानून-व्यवस्था भंग होने की आशंका का हवाला देते हुए 19 अक्टूबर को आरएसएस के पथ संचलन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
चित्तपुर के तहसीलदार ने बताया था कि भीम आर्मी संगठन ने भी पत्र के माध्यम से सूचित किया है कि वे भी 19 अक्टूबर को उसी मार्ग पर मार्च निकालेंगे।
हालांकि, 19 अक्टूबर को आरएसएस की ओर से अशोक पाटिल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए, उच्च न्यायालय ने उन्हें चित्तपुर में मार्च आयोजित करने की अनुमति मांगने के लिए एक नया आवेदन दायर करने को कहा था।
इसने अधिकारियों से आवेदन पर विचार करने और अदालत को रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।
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