अभिनेत्री-गायिका सुलक्षणा पंडित का अंतिम संस्कार
मनीषा पवनेश
- 07 Nov 2025, 06:03 PM
- Updated: 06:03 PM
मुंबई, सात नवम्बर (भाषा) बॉलीवुड में 1970 के दशक की ‘उलझन’ और ‘संकोच’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय और गायकी के लिए जानी जाने वाली वरिष्ठ अभिनेत्री-गायिका सुलक्षणा पंडित का 71 वर्ष की उम्र में हृदयाघात के कारण निधन हो गया।
सुलक्षणा का अंतिम संस्कार शुक्रवार को जूहू स्थित पवन हंस श्मशान घाट में किया गया। अभिनेत्री शबाना आज़मी, पूनम ढिल्लो, परिवारजन विजयता पंडित और संगीतकार भाई ललित पंडित (जतिन-ललित संगीत जोड़ी के सदस्य) वहां मौजूद थे।
सुलक्षणा 2006 से अपनी बहन विजयता पंडित के घर में रह रही थीं जहां बृहस्पतिवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
1954 में रायगढ़ में जन्मी सुलक्षणा पंडित का परिवार संगीत के क्षेत्र में महारत रखता था। उनके चाचा प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित जसराज थे। पिता और गुरु पंडित प्रताप नारायण पंडित के निधन के बाद उन्होंने कम उम्र में ही अभिनय और गायकी के क्षेत्र में कदम रखा।
उन्होंने 1967 में फिल्म तकदीर के लिए लता मंगेशकर के साथ पहला गाना ‘सात समंदर पार’ रिकॉर्ड किया। 1975 में फिल्म ‘उलझन’ से उन्होंने अभिनय की शुरुआत की।
सुलक्षणा पंडित ने गायकी और अभिनय दोनों में सफलता पाई। उनके चर्चित गीतों में ‘तू ही सागर तू ही किनारा’ (फिल्म संकल्प, 1975), ‘बंदी रे काहे प्रीत’ (संकोच, 1976), परदेसिया तेरे देश में’, ‘बेकरार दिल टूट गया’, और ‘सोमवार को हम मिले’ शामिल हैं। उन्होंने राजेश खन्ना, शशि कपूर, जितेंद्र और विनोद खन्ना जैसे अभिनेताओं के साथ ‘हेरा फेरी’, ‘खानदान’, ‘अपनापन’ और ‘बंडलबाज़’ जैसी फिल्मों में काम किया।
निजी जीवन में उन्होंने ‘उलझन’ के सह-कलाकार संजीव कुमार से प्रेम किया था, लेकिन यह प्रेम एकतरफा था। संजीव कुमार के 1985 में असमय निधन के बाद उन्होंने कभी विवाह नहीं किया।
विजयता पंडित ने बताया कि सुलक्षणा पंडित लंबे समय से अस्वस्थ थीं और उनकी घर में ही देखभाल की जा रही थी। सुलक्षणा विजयता के साथ ही रहती थीं।
परिवार की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए भतीजी श्वेता पंडित और चचेरी बहन दुर्गा जसराज ने सुलक्षणा को पंडित परिवार की पहली स्टार और संगीत एवं अभिनय के क्षेत्र में समर्पित जीवन देने वाली बताया।
पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज ने कहा कि सुलक्षणा परिवार की ‘पहली स्टार’ और सबसे मज़बूत स्तंभ थीं।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया ‘‘जहां तीनों भाइयों संगीत महामोहपाध्याय पंडित मणिराम जी, संगीत आचार्य पंडित प्रताप नारायण जी (सुलक्षणा जीजी के पिता) और संगीत मार्तंड पंडित जसराज जी ने अपना जीवन हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को समर्पित कर दिया, वहीं सुलक्षणा जीजी ने अपनी असीम प्रतिभा के जरिये परिवार को आगे लाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया...।’’
दुर्गा ने आगे लिखा ‘‘उन्होंने गाया, अभिनय किया, अपने व्यक्तित्व के हर पहलू को निखारा और हमारे पंडित परिवार की पहली स्टार बन गईं।’’
श्वेता पंडित ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “मेरी गुरु, मेरी मार्गदर्शक, मेरी जीवन रेखा…... वह सबसे सुंदर परी थीं, जिनके साथ मैंने अपने सबसे खूबसूरत संगीत संबंधी पल बिताए। उनकी संगीत यात्रा शानदार और अभिनय यात्रा अविस्मरणीय थी। सौ फीसदी स्वनिर्मित कलाकार।”
सुलक्षणा पंडित का योगदान बॉलीवुड में अद्वितीय रहा, और वह अपने गायन और अभिनय दोनों के लिए याद की जाएंगी।
भाषा मनीषा