केरल : विपक्ष ने स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति और सबरीमला मुद्दे पर एलडीएफ सरकार की आलोचना की
रवि कांत रवि कांत पवनेश
- 07 Nov 2025, 04:51 PM
- Updated: 04:51 PM
तिरुवनंतपुरम, सात नवंबर (भाषा) केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की स्थिति और सबरीमला मुद्दे को लेकर शुक्रवार को सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार की आलोचना की।
यूडीएफ ने दोनों ही मामलों में वाम सरकार पर विफल रहने का आरोप लगाया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोल्लम निवासी वेणु 'सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की विफलता का नवीनतम शिकार' है।
वेणु की दो दिन पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मौत हो गई थी।
सतीशन ने दावा किया कि दिल का दौरा पड़ने के बाद कोल्लम से मेडिकल कॉलेज पहुंचे वेणु का 24 घंटे से अधिक समय तक इलाज नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वेणु के परिवार की प्रतिक्रिया और अपनी मृत्यु से पहले मरीज द्वारा रिकॉर्ड किए गए ऑडियो संदेश से यह स्पष्ट है।
विपक्षी नेता ने तर्क दिया कि यह कोई अकेली घटना नहीं है, बल्कि दवाओं और उपकरणों की कमी सहित कई ऐसी घटनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि राज्य भर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
कांग्रेस नेता ने मांग की कि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उनके कार्यभार संभालने के बाद से केरल की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।
सतीशन ने यह भी सवाल किया कि सरकार चिकित्सा सेवा निगम और निजी कंपनियों को उनसे खरीदी गई दवाओं और सर्जिकल उपकरणों का भुगतान करने में असमर्थ क्यों है? जबकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ऐसा दावा कर रहे हैं कि राज्य आर्थिक संकट में नहीं है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘बकाया भुगतान न होने के कारण कंपनियां अब अपने द्वारा उपलब्ध कराए गए सर्जिकल उपकरणों को वापस ले रही हैं।’’
सबरीमला सोना चोरी मुद्दे के संबंध में सतीशन ने कहा कि केरल उच्च न्यायालय के हालिया आदेश से संकेत मिलता है कि विपक्ष अब तक जो कह रहा था वह सही था।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने कहा है कि सबरीमला में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही कला चोरी की घटनाओं जैसा ही एक रैकेट चल रहा है।
सतीशन ने दावा किया कि एक पूर्व देवस्वओम आयुक्त कथित तौर पर मंदिर में विभिन्न कलाकृतियों पर सोने की परत चढ़ाने के संबंध में अनियमितताओं में शामिल था। इसे त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) के अध्यक्ष के रूप में पुनः नियुक्त किया गया था।
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