वंदे मातरम : मुंबई में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अबू आजमी के घर के बाहर प्रदर्शन किया
राजकुमार नरेश
- 07 Nov 2025, 05:30 PM
- Updated: 05:30 PM
मुंबई, सात नवंबर (भाषा) मुंबई के कोलाबा में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और विधायक अबू आसिम आजमी के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थानीय इकाई के अध्ययक्ष एवं विधायक अमित साटम ने कहा कि जो भारत में रहना चाहते हैं उन्हें ‘वंदे मातरम’ गाना ही होगा।
आजमी ने कहा कि मुसलमान धार्मिक आधार पर राष्ट्र गीत नहीं गा सकते।
दक्षिण मुंबई के कोलाबा में यह प्रदर्शन तब किया गया जब आजमी ने ‘वंदे मातरम’ के 150वां साल मनाने की योजना का विरोध किया। भाजपा ने पूरे महानगर में राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ में सामूहिक गायन की योजना बनायी है।
साटम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगा था कि आजमी वंदे मातरम का सम्मान करेंगे और अपने घर से निकलकर हमारे साथ शामिल होंगे। दुर्भाग्य से, वह नहीं आए। वंदे मातरम देशभक्ति का प्रतीक है और इस गीत के 150 साल पूरे होने पर हम विभिन्न स्थानों पर इसका गायन कर रहे हैं।’’
उन्होंने सपा विधायक का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘हम कुछ लोगों को संदेश देना चाहते हैं कि अगर उन्हें इस देश में रहना है तो उन्हें वंदे मातरम् कहना होगा।’’
साटम ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के हर ‘‘सच्चे नागरिक’’ को गर्व से वंदे मातरम् कहना चाहिए।
कोलाबा में साटम के अलावा विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर तथा राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा समेत भाजपा नेता और पार्टी कार्यकर्ता बांद्रा में आजमी के घर के बाहर एकत्र हुए एवं राष्ट्रीय गीत गाया।
विरोध प्रदर्शन के तुरंत बाद, मुंबई के मानखुर्द शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक आजमी ने एक वीडियो संदेश के जरिए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
आजमी ने दावा किया कि अदालत का आदेश है कि किसी को भी ‘वंदे मातरम’ गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे जो उन्हें यह गीत गाने के लिए धमका रहे हैं और दबाव बना रहे हैं।
सपा विधायक ने कहा,‘‘मेरे धर्म के अनुसार, अल्लाह ही दुनिया की हर चीज़ का रचयिता है। इसलिए, मैं किसी और चीज़ के आगे नहीं झुक सकता। अलग-अलग धर्मों के लोग मिट्टी, सांप, सूरज और दूसरी चीज़ों के आगे झुकते हैं। मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि ‘शरिया’ और अल्लाह में विश्वास करने वाले मुसलमान किसी अन्य सत्ता या व्यक्ति को अल्लाह के समान नहीं मानेंगे क्योंकि यह पाप है।
भाजपा को ‘भारत जलाओ पार्टी’ करार देते हुए आजमी ने कहा, ‘‘वे लोग (भाजपा वाले) नफरत के पुजारी हैं और देश को धर्म के आधार पर बांटना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा के लोग) मुसलमानों को दबाना और कमजोर करना चाहते हैं। क्या मैं आपसे नमाज पढ़ने को कहूंगा? मुसलमान सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हैं, जमीन और सूरज की नहीं।’’
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान युद्धघोष के रूप में प्रयुक्त यह लोकप्रिय गीत बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा सात नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के अवसर पर लिखा गया था। वंदे मातरम को 1950 में संविधान सभा द्वारा भारत के राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था।
भाषा राजकुमार