बिहार चुनाव: अपराह्न तीन बजे तक करीब 54 प्रतिशत मतदान, लालू ने बदलाव का आह्वान किया
संतोष
- 06 Nov 2025, 06:25 PM
- Updated: 06:25 PM
(कॉपी में सुधार के साथ)
पटना, छह नवंबर (भाषा) बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में बृहस्पतिवार को 121 सीट के लिए मतदान शांतिपूर्ण माहौल में जारी रहा, लेकिन बीच-बीच में छिटपुट हिंसक घटनाओं की भी सूचना मिली।
अपराह्न तीन बजे तक 3.75 करोड़ मतदाताओं में से करीब 53.77 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चरण में 1,314 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होना है।
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया कि उनके गृह क्षेत्र लखीसराय में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) समर्थकों ने उनके काफिले पर हमला किया।
पहले चरण का यह चुनाव सत्तारूढ़ राष्टीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन, दोनों के लिए अत्यंत अहम माना जा रहा है।
इस चरण में राजद नेता तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत कई मंत्री और दिग्गज उम्मीदवार मैदान में हैं।
थोड़ी-थोड़ी अवधि के कुछ व्यवधानों को छोड़कर लगभग 20 वर्षों से सत्ता में रही राजग सरकार ‘‘सुशासन’’ की अपनी छवि को प्रमुख मुद्दा बना रही है जो उस कथित ‘जंगलराज’ की छवि के विपरीत है जिसे राजद और कांग्रेस की संयुक्त सरकार के 15 साल के शासन के रूप में चिह्नित किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने संबोधनों में कहा था कि मतदान केंद्रों पर महिलाओं की अधिक उपस्थिति राजग के लिए शुभ संकेत है।
उन्होंने कहा था, ‘‘माताएं, बहनें और बेटियां ‘जंगलराज’ से सर्वाधिक पीड़ित रही हैं। आज वे मतदान केंद्रों के चारों ओर एक सुरक्षा कवच की तरह खड़ी हैं ताकि जंगलराज की वापसी न हो सके।’’
राजग को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रिकॉर्ड और हाल में की गई कल्याणकारी योजनाएं (जैसे कि 125 यूनिट मुफ्त बिजली, एक करोड़ से अधिक महिलाओं को 10,000 रुपये की नकद सहायता और सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि) सरकार विरोधी लहर को कमजोर करेंगी।
वहीं, विपक्ष का दावा है कि लोग अब बदलाव चाहते हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक भावनात्मक पोस्ट में कहा, ‘‘अगर रोटी को तवे पर नहीं पलटा जाए तो वह जल जाती है। बीस साल बहुत लंबा वक्त है। नया बिहार बनाने के लिए तेजस्वी सरकार जरूरी है।’’
मतदान के दिन दोनों पक्षों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी रहा।
उपमुख्यमंत्री सिन्हा ने कहा कि उनके काफिले की एक गाड़ी पर हमला किया गया और राजद समर्थकों ने अति पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को डराने की कोशिश की।
वहीं, राजद ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर आरोप लगाया कि जहां ‘इंडिया’ गठबंधन मजबूत है, उन इलाकों में जानबूझकर मतदान की गति धीमी की जा रही है। निर्वाचन आयोग ने इस आरोप को ‘‘निराधार’’ बताया।
इस बार के चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी चर्चा में है। चुनावी रणनीतिकार से राजनीतिक नेता बने किशोर का दावा है कि उनकी पार्टी ‘‘राज्य को देश के अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल कराने’’ का संकल्प लेकर चल रही है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य को शराबबंदी कानून से हुए नुकसान की भरपाई के लिए वे इस कानून को खत्म करने पर विचार करेंगे।
पहले चरण में 18 जिलों में मतदान हो रहा था। दोपहर तीन बजे तक मुजफ्फरपुर (58.40 प्रतिशत) और गोपालगंज (58.17 प्रतिशत) में मतदान सबसे अधिक दर्ज किया गया, जबकि राजधानी पटना में अब तक 48.69 प्रतिशत मतदान हुआ।
पटना के बांकीपुर (34.80 प्रतिशत), दीघा (31.89 प्रतिशत) और कुम्हरार (37.73 प्रतिशत) जैसी शहरी सीट पर परंपरागत रूप से कम मतदान होने के कारण राजधानी का औसत मतदान प्रतिशत कम रहा।
भाषा कैलाश