अदालत ने डूसू के पूर्व अध्यक्ष की याचिका पर शीघ्र कार्रवाई करने का पुलिस को निर्देश दिया
देवेंद्र माधव
- 06 Nov 2025, 05:54 PM
- Updated: 05:54 PM
नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहर की पुलिस को निर्देश दिया कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के पूर्व अध्यक्ष रौनक खत्री की सुरक्षा के अनुरोध पर शीघ्र कार्रवाई करे।
खत्री ने दावा किया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है।
अदालत के समक्ष दायर याचिका में खत्री ने कहा है कि उन्हें यूक्रेन में पंजीकृत एक फोन नंबर से धमकी भरे संदेश मिले हैं और संदेश भेजने वाले ने खुद को एक कुख्यात गैंगस्टर बताया है और उसने उनसे पांच करोड़ रुपये की मांग की है और धमकी दी है कि यदि रकम नहीं दी गई तो वह उन्हें जान से मार देगा।
न्यायमूर्ति रवींदर डुडेजा ने कहा कि अपने सभी नागरिकों के जीवन की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है और एक संवैधानिक अदालत होने के नाते इस न्यायालय से नागरिकों की संवैधानिक सुरक्षा को आगे बढ़ाने की अपेक्षा की जाती है।
अदालत ने कहा, ‘‘क्योंकि याचिकाकर्ता (खत्री) को अपने जीवन को लेकर खतरा महसूस हो रहा है, इसलिए डीसीपी, बाहरी उत्तर और डीसीपी, विशेष प्रकोष्ठ को निर्देश दिया जाता है कि वे याचिकाकर्ता द्वारा पुलिस सुरक्षा के लिए किए गए अनुरोध पर शीघ्र कार्रवाई करें।’’
इसने कहा कि बीट कांस्टेबल और संबंधित पुलिस अधिकारी को खत्री द्वारा की गई किसी भी कॉल पर तुरंत ध्यान देने के लिए परामर्श दिया जाना चाहिए।
अदालत ने बीट कांस्टेबल को अगले दो सप्ताह तक याचिकाकर्ता से नियमित रूप से मिलने और उनकी कुशलक्षेम सुनिश्चित करने को कहा।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के स्थायी वकील संजय लाओ ने अदालत को बताया कि सुरक्षा के लिए खत्री का आवेदन विशेष प्रकोष्ठ के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) को भेज दिया गया है, जो खतरे का आकलन करेंगे और निर्णय लेंगे।
अधिवक्ताओं शौर्य विक्रम और ओभीरूप घोष ने अदालत में खत्री का प्रतिनिधित्व किया। खत्री ने दावा किया कि धमकी भरे संदेश रोहित गोदारा गिरोह से जुड़े एक व्यक्ति द्वारा भेजे गए थे, जो कई आपराधिक मामलों में कथित तौर पर शामिल है।
खत्री की याचिका के अनुसार उनके जीवन को गंभीर खतरा होने के बावजूद 29 सितंबर को उन्हें केवल सीमित सुरक्षा प्रदान की गई थी, जो स्थिर प्रकृति की नहीं थी और इसमें उनके आवास पर पुलिस की निरंतर तैनाती शामिल नहीं थी।
इसके अनुसार अगले दिन सुरक्षा वापस ले ली गई और याचिकाकर्ता को सूचित किया गया कि पुलिस द्वारा खतरे का आकलन किया जायेगा।
याचिका में कहा गया है कि तब से, वह बार-बार दिल्ली पुलिस से अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा बहाल करने का अनुरोध रहे हैं। इसमें कहा गया है कि कई बार अनुरोध करने के बावजूद, कोई जवाब नहीं मिला है।
खत्री पिछले साल डूसू के अध्यक्ष थे।
भाषा
देवेंद्र