‘कर्नाटक के गारंटी मॉडल’ को मान्यता, अधिक वित्तीय सहायता दे केंद्र : सिद्धरमैया
प्रशांत वैभव
- 05 Nov 2025, 07:49 PM
- Updated: 07:49 PM
बेंगलुरु, पांच नवंबर (भाषा) मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को केंद्र से आग्रह किया कि वह “कर्नाटक के गारंटी मॉडल” को मान्यता दे और राज्यों को नवाचार करने तथा अपने लोगों में निवेश करने के लिए सशक्त बनाने के वास्ते अधिक वित्तीय सहायता और राजस्व का उचित हिस्सा प्रदान करे।
वह यहां राजकोषीय नीति संस्थान द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कर्नाटक का गारंटी मॉडल समावेशी विकास के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल बने, जो क्षेत्रीय और सामाजिक असमानताओं को पाट सके और सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करे।”
कांग्रेस सरकार की पांच गारंटी योजनाएं हैं - सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति), प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये मासिक सहायता (गृह लक्ष्मी), बीपीएल परिवार के प्रत्येक सदस्य को अतिरिक्त 5 किलो चावल (अन्न भाग्य), बेरोजगार स्नातक युवाओं को हर महीने 3,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि), और सार्वजनिक परिवहन बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा (शक्ति)।
पांच गारंटी योजनाओं का समर्थन करते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि यह यात्रा विधान सौध के गलियारों से नहीं, बल्कि आम लोगों के जीवन से शुरू हुई है - वे महिलाएं जो मुद्रास्फीति और घरेलू सम्मान के बीच संतुलन बनाने के लिए संघर्ष कर रही थीं; वे युवा जो नौकरी की तलाश में थे, लेकिन उन्हें उदासीनता मिली; वे किसान जो जलवायु संकट और बाजार में अस्थिरता के दोहरे बोझ का सामना कर रहे थे; और वे गरीब जिनकी क्रय शक्ति मूल्य वृद्धि और केंद्र सरकार की नीतिगत उपेक्षा के कारण कम हो गई थी।
उन्होंने कहा, “इसलिए गारंटी योजनाएं लोकलुभावन उपहार नहीं थीं, बल्कि नीतिगत सुधार और पुनर्वितरणीय न्याय तथा समावेशी विकास के साधन थे, ऐसे युग में जहां तथाकथित ‘ट्रिकल-डाउन सिद्धांत’ गरीबों तक पहुंचने में विफल रहा है।”
ट्रिकल-डाउन सिद्धांत एक आर्थिक अवधारणा है जो यह सुझाव देती है कि धनी या व्यवसायों को प्रदान किए गए लाभ अंततः रोज़गार सृजन, निवेश और आर्थिक विकास के रूप में निम्न वर्ग तक “रिसते” हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के कार्यान्वयन पर 96,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित किए गए हैं और 2025-26 के राज्य बजट में इनके लिए 51,034 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
उनके अनुसार, 1.24 करोड़ से अधिक महिलाओं को गृह लक्ष्मी के माध्यम से सहायता मिलती है, 1.63 करोड़ परिवारों को गृह ज्योति से लाभ मिलता है, 4.08 करोड़ लोग अन्न भाग्य से लाभान्वित होते हैं, और 2.84 लाख युवाओं को युवा निधि प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि शक्ति योजना के तहत सरकारी बसों में 63 प्रतिशत से ज्यादा यात्री महिलाएं हैं। उन्होंने बताया कि 580 करोड़ से ज़्यादा मुफ़्त बस यात्राएं की जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम केंद्र सरकार से इस प्रारूप को मान्यता देने और राज्यों को नवाचार करने तथा अपने लोगों में निवेश करने के लिए सशक्त बनाने के वास्ते अधिक राजकोषीय सहायता और राजस्व का उचित हिस्सा प्रदान करने का आह्वान करते हैं।”
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