अलीगढ़ पुलिस ने 50-60 साल से अपराध नहीं करने वाले बुजुर्गों के नाम हिस्ट्रीशीटर की सूची से हटाए
सं जफर आनन्द खारी
- 05 Nov 2025, 10:05 PM
- Updated: 10:05 PM
अलीगढ़ (उप्र), पांच नवंबर (भाषा) अलीगढ़ पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर की सूची से 70 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे 130 लोगों के नाम हटा दिए हैं जिन्होंने लंबे अरसे से कोई अपराध नहीं किया है जिनमें 80 और 90 साल की आयु के बुजुर्ग भी शामिल हैं।
पुलिस की हिस्ट्रीशीटर की सूची में नाम शामिल होने से इन बुजुर्गों को हर महीने थानों में हाजिरी देनी होती थी।
पुलिस ने सोमवार को ऐसे लोगों के नाम हिस्ट्रीशीटर की सूची में से हटाने का फैसला किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नीरज कुमार ने कहा कि सूची की विस्तृत समीक्षा के दौरान 80 और 90 साल से ज़्यादा उम्र के कई ऐसे लोगों के नाम सामने आए, जिन्होंने 50 या 60 साल से ज़्यादा समय से कानून का उल्लंघन नहीं किया है जिसके बाद उनके नाम हिस्ट्रीशीटर की सूची से हटाने का फैसला लिया गया।
कुमार ने संवाददाताओं से कहा, "रिकॉर्ड की जांच करते समय, मुझे ऐसे मामले मिले जहां 1950 के दशक की शुरुआत में अपराध करने वाले, अपनी सजा काटने वाले और उसके बाद से कानून का पालन करने वाले लोगों को भी हर महीने थानों में रिपोर्ट करना पड़ता था।”
एसएसपी ने बताया कि अलीगढ़ जिले में लगभग 2,500 लोग हिस्ट्रीशीटर के रूप में सूचीबद्ध हैं और मानवीय पहल करते हुए, पुलिस ने सोमवार को इनमें से 130 नामों को सूची से हटाने का फैसला किया।
एसएसपी कार्यालय में आयोजित एक समारोह में, कुमार ने लाभार्थियों को बधाई दी और उनसे जिम्मेदार नागरिक बने रहने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस का सहयोग करने का आग्रह किया।
लाभार्थियों में से शामिल अस्सी वर्षीय मिठू सिंह ने इस कदम के लिए पुलिस का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, "यह कदम मेरे और मेरे परिवार के लिए एक वरदान है। जीवन के इस पड़ाव पर मुझे इस भारी बोझ से मुक्त करने के लिए मैं पुलिस विभाग का ऋणी हूं।’’
सोमवार को हुए इस कार्यक्रम में 130 लाभार्थियों में शहर से बाहर के लोगों को छोड़कर ज्यादातर मौजूद थे और लगभग सभी ने इस अवसर को अपने जीवन का एक ‘‘परिवर्तनकारी क्षण’’ बताया।
इनमें 90 वर्षीय एक व्यक्ति भी शामिल रहे जिसे 1952 में एक अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया था और तब से सात दशकों से भी अधिक समय तक उसकी प्रतिष्ठा पर यह कलंक लगा रहा।
एक अन्य लाभार्थी लक्ष्मी सिंह ने कहा, ‘‘हर महीने मुझे क्षणिक आवेग में किए गए अपराध की कीमत चुकानी पड़ती थी, लेकिन आज मैंने लगभग पूरे जीवन के बाद पहली बार आजादी का स्वाद चखा है।’’
उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, खासकर अलीगढ़ के एसएसपी के प्रति आभार व्यक्त किया। एक अन्य 80 वर्षीय पांडेल ने भी अलीगढ़ पुलिस और योगी आदित्यनाथ सरकार को इस ‘‘मानवीय पहल’’ के लिए धन्यवाद दिया।
भाषा सं जफर आनन्द