पंजाब: बूटा सिंह पर 'जातिवादी' टिप्पणी को लेकर वडिंग के खिलाफ मामला दर्ज
अमित पवनेश
- 05 Nov 2025, 03:35 PM
- Updated: 03:35 PM
चंडीगढ़, पांच नवंबर (भाषा) पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग पर पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री दिवंगत बूटा सिंह के खिलाफ कथित तौर पर ‘‘अपमानजनक और जातिवादी’’ टिप्पणी करने के लिए मामला दर्ज किया गया है।
मंगलवार को दर्ज प्राथमिकी के अनुसार लुधियाना के सांसद वडिंग के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (धर्म, जाति के आधार पर शत्रुता को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला बूटा सिंह के बेटे सरबजोत सिंह सिद्धू की शिकायत के बाद कपूरथला जिले के साइबर अपराध पुलिस थाने में दर्ज किया गया।
सरबजोत सिंह ने कथित टिप्पणी को लेकर वडिंग के खिलाफ कपूरथला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया था।
बूटा सिंह के खिलाफ "जातिवादी" टिप्पणी के लिए वडिंग प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के नेताओं के निशाने पर हैं। यह टिप्पणी उन्होंने कथित तौर पर 11 नवंबर को तरनतारन विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के लिए प्रचार करते समय की थी।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख वडिंग ने सोमवार को "बिना शर्त माफी" मांगी और कहा कि वरिष्ठ नेता बूटा सिंह उनके लिए पिता समान थे। सरबजोत सिंह ने उनकी टिप्पणी को "अत्यंत आपत्तिजनक और जातिवादी" बताया।
उन्होंने आरोप लगाया कि वडिंग की टिप्पणी न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत और नस्ली है, बल्कि यह दिवंगत नेता का अपमान है।
उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा, ‘‘शिकायतकर्ता, उसके परिवार और समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए आरोपी ने जानबूझकर अपमानजनक संदर्भ में 'काला सिख' शब्द का इस्तेमाल किया गया। शिकायतकर्ता और उसके परिवार की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए आरोपी ने जानबूझकर 'रंग काला' शब्द का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं, बल्कि 'काला रंग' का इस्तेमाल 'मजहबी सिखों' के लिए अपमानजनक है।’’
सरबजोत सिंह ने कहा कि 'काला मजहबी सिख' शब्द का इस्तेमाल व्यक्ति के व्यक्तित्व पर आघात है और यह भारत के संविधान के विरुद्ध है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा, ‘‘ ‘काला सिख’ शब्द ऐतिहासिक रूप से स्थापित विचारों जैसे कि ऊंची जातियों की निचली जातियों/अछूतों पर श्रेष्ठता को पुष्ट करता है।’’
बूटा सिंह के बेटे ने कहा कि इन टिप्पणियों से " जाति आधारित तनाव भड़कने और राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने की संभावना है। ये उस राष्ट्रीय नेता की विरासत का अपमान करती हैं, जिन्होंने देश की विशिष्ट सेवा की थी।’’
भाषा अमित