जेएनयू छात्र संघ चुनाव में हुआ 67 प्रतिशत मतदान, परिणाम छह नवंबर को होंगे घोषित
यासिर सुरेश
- 04 Nov 2025, 09:25 PM
- Updated: 09:25 PM
(तस्वीरों सहित)
नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव में 67 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पिछले चुनाव की तुलना में कम है।
पिछले साल यहां 70 प्रतिशत मतदान हुआ था। वर्ष 2023-24 के चुनाव में विश्वविद्यालय में 73 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो पिछले एक दशक में सर्वाधिक मत प्रतिशत था।
जेएनयू परिसर में छात्रों ने मंगलवार को नये केंद्रीय पैनल और स्कूल काउंसलर का फैसला करने वाले चुनावों में वोट डाले, जिस दौरान ढोल की थाप, नारों की गूंज और प्रचार गीत सुनाई दिए।
मतदान सुबह नौ बजे शुरू हुआ और शाम साढ़े पांच बजे तक जारी रहा। दोपहर एक बजे से ढाई बजे तक का ब्रेक हुआ। जेएनयूएसयू चुनाव समिति के अनुसार, परिणाम छह नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
केंद्रीय पैनल के चार प्रमुख पदों- अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव, के लिए 20 उम्मीदवार मैदान में हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न स्कूलों के लिए 42 पार्षद पदों के लिए भी मतदान किया। इस वर्ष लगभग 9,043 छात्र मतदान के पात्र हैं।
इस चुनाव में मुकाबला मुख्य रूप से ‘वाम संगठनों’ और आरएसएस से जुड़े अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच है।
वाम संगठनों में ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा), ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) और ‘डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन’ (डीएसएफ) शामिल हैं। उसने अध्यक्ष पद के लिए अदिति मिश्रा, उपाध्यक्ष पद के लिए किझाकूट गोपिका बाबू, महासचिव पद के लिए सुनील यादव और संयुक्त सचिव पद के लिए दानिश अली को मैदान में उतारा है।
एबीवीपी के पैनल में विकास पटेल (अध्यक्ष पद के उम्मीदवार), तान्या कुमारी (उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार), राजेश्वर कांत दुबे (महासचिव पद के उम्मीदवार) और अनुज (संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार) शामिल हैं।
एबीवीपी ने ‘प्रदर्शन और राष्ट्रवाद’ के विषय पर प्रचार किया है, जबकि वामपंथी धड़े ने समावेशिता, सुलभता और छात्र कल्याण पर ज़ोर दिया है।
जेएनयूएसयू की पूर्व अध्यक्ष आइशी घोष ने मतदान केंद्र के बाहर प्रचार करते हुए ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘वाम संगठन सभी चार केंद्रीय पैनल सीट पर जीत हासिल करेगी।’’
हालांकि सुबह के समय मतदान की रफ्तार कम थी, लेकिन दोपहर में कतारें लंबी हो गईं। इनमें कई पहली बार मतदान कर रहे थे।
स्नातक छात्रा आकांक्षा ने कहा, ‘‘अब तक मैंने जेएनयू चुनावों के बारे में सिर्फ़ सुना था। पहली बार इन्हें देखना ख़ास लग रहा है। यह जीवंत के साथ-साथ गंभीर भी है।’’
पिछले वर्ष आइसा के नीतीश कुमार ने अध्यक्ष पद जीता था जबकि एबीवीपी के वैभव मीणा ने संयुक्त सचिव पद हासिल किया था।
भाषा यासिर