पाकिस्तानी आतंकवादियों ने भारत पर दोबारा हमला किया तो ‘गोली का जवाब गोले से’ मिलेगा: अमित शाह
कैलाश अमित
- 04 Nov 2025, 08:10 PM
- Updated: 08:10 PM
दरभंगा/मोतिहारी/बेतिया, चार नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता अमित शाह ने मंगलवार को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों को दोबारा भारत पर हमला नहीं करने की चेतावनी दी और कहा कि यदि उन्होंने ऐसी गलती दोहराई तो “गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।”
शाह ने कहा कि बिहार में प्रस्तावित रक्षा गलियारे (डिफेंस कॉरिडोर) में बनने वाले विस्फोटक इन आतंकियों के खिलाफ इस्तेमाल किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के आतंकवादियों ने पहलगाम में हमारे नागरिकों पर हमला किया था। उन्होंने हमारी माताओं-बहनों की मांग का सिंदूर पोंछ दिया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 दिन के भीतर ऑपरेशन सिंदूर चलाकर इसका बदला लिया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की जमीन पर घुसकर आतंकियों को समाप्त कर दिया।”
शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री बिहार में रक्षा गलियारा स्थापित कर रहे हैं। अगर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी दोबारा गलती करेंगे, तो ‘गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।’ ये गोले बिहार में ही बनेंगे।”
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि “मोदी जी के नेतृत्व में बनी सरकार देश की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, जबकि कांग्रेस शासन में ऐसा नहीं था।”
शाह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद और उनके पुत्र तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा, “ये लोग दिवंगत मोहम्मद शाहाबुद्दीन की जयजयकार करते हैं, जिन्होंने राजद शासनकाल में सिवान को आतंक का अड्डा बना दिया था। लेकिन बिहार की जनता अब ‘जंगलराज’ की वापसी नहीं होने देगी।”
दरभंगा, मोतिहारी और बेतिया में चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए शाह ने मतदाताओं से अपील की कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर भाजपा का चुनाव चिह्न ‘कमल’ दबाकर लालू-राबड़ी शासन जैसे ‘जंगलराज’ की वापसी रोकें, जिसने बिहार को बर्बाद कर दिया था।
उन्होंने कहा, “चंपारण गवाह है कि कैसे राजद शासनकाल में बिहार की धरती खून से लाल हो जाती थी।”
शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर भी तंज कसते हुए कहा कि “वे बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं। मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूं कि वे जितनी यात्राएं निकालना चाहें निकाल लें, लेकिन हम घुसपैठियों को देश से बाहर करेंगे।”
उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सत्ता में लौटा, तो कोसी नदी के जल से सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए 26 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
शाह ने कहा, “छह नवंबर को मतदान के दिन अगर आपसे गलती हुई, तो लालू-राबड़ी शासन के दौर की तरह बिहार में फिर से हत्या, लूट, अपहरण और रंगदारी का माहौल लौट आएगा।”
उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही बिहार का सर्वांगीण विकास संभव है।
शाह ने कहा, “राजग की सरकार बनी तो मिथिलांचल की कोसी नदी के पानी से सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के लिए 26 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। गंगा, कोसी और गंडक के जल का उपयोग सिंचाई और जल-जमाव से बचाव के लिए किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि यदि राजग सत्ता में आता है, तो मिथिला, कोसी क्षेत्र और तिरहुत के लोगों को इलाज के लिए पटना या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा, क्योंकि दरभंगा में एम्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
शाह ने बताया, “3.60 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया गया है, जबकि दरभंगा का आईटी पार्क युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगा।”
उन्होंने राजद पर आरोप लगाया कि “तीन पीढ़ियां भी ‘जीविका दीदियों’ के खातों में भेजी गई राशि नहीं छीन पाएंगी,” और कहा कि राजद- कांग्रेस ने “छठी मइया” का अपमान किया है।
शाह ने कहा, “बिहार की जनता ‘छठी मइया’ का अपमान करने वालों को कभी माफ नहीं करती। राजद-कांग्रेस गठबंधन का सफाया इस चुनाव में तय है।”
उन्होंने घोषणा की कि यदि राजग सत्ता में लौटता है तो अगले पांच वर्षों में प्रत्येक जिले में एक इंजीनियरिंग और एक मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही वास्तविक विकास संभव है। बिहार बिजनेस समिट में 1.80 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए 423 कंपनियों ने समझौते किए हैं। रक्सौल में एक नया हवाई अड्डा स्वीकृत किया गया है और मोतिहारी में एक आधुनिक सभागार बनाया जाएगा।”
शाह ने कहा कि चंपारण की भूमि माता सीता और भगवान राम से जुड़ी है, और सरकार यहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगी। उन्होंने महात्मा गांधी की ‘कर्मभूमि’ चंपारण से घोषणा की कि “देश से नक्सलवाद 31 मार्च 2026 तक समाप्त कर दिया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि “राजद शासनकाल में बंद हुई 20 से अधिक चीनी मिल को फिर से चालू किया जाएगा और पांच नई मिल भी स्थापित की जाएंगी।”
भाषा कैलाश