गुजरात में फसल नुकसान पर राजनीतिक घमासान, किसानों को मुआवजे पर कांग्रेस और आप में मतभेद
शुभम माधव
- 04 Nov 2025, 06:38 PM
- Updated: 06:38 PM
अहमदाबाद, चार नवंबर (भाषा) गुजरात में हाल में बेमौसम बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान से पीड़ित किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को लेकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी, विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है।
आप ने जहां मांग की कि सभी प्रभावित किसानों को बिना किसी आकलन सर्वे के 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाए तो वहीं कांग्रेस ने कहा कि यह राशि बहुत मामूली है और उसने अधिक भुगतान (50,000 रुपये प्रति बीघा) की मांग की। गुजरात में एक हेक्टेयर में लगभग छह बीघा होता है।
मुआवजे की मांग ऐसे समय की जा रही है जब राज्य सरकार अभी तक फसल क्षति आकलन कार्य में लगी हुई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने घोषणा की है कि उनकी सरकार जल्द ही उन किसानों को राहत पैकेज प्रदान करेगी जिनकी फसलें पिछले सप्ताह राज्य के कुछ हिस्सों में हुई बेमौसम बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
कांग्रेस ने इस बात पर जोर दिया कि आप की 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजे की मांग बहुत कम है और पार्टी पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ "गुप्त समझौता" करने का आरोप लगाया।
भाजपा ने भी आप पर पलटवार करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी केवल बड़े-बड़े दावे करने में माहिर है, जबकि पंजाब में उनकी अपनी सरकार ने प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं दिया है।
बेमौसम बारिश के कारण खड़ी फसलों को हुए नुकसान को देखते हुए आप संयोजक केजरीवाल ने हाल में अपने गुजरात दौरे के दौरान मांग की थी कि प्रभावित किसानों को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाए, जैसा कि आप सरकार ने पंजाब में बारिश से प्रभावित किसानों को दिया था।
सोमवार को पत्रकारों से आप विधायक गोपाल इटालिया ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री पटेल प्रत्येक किसान को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने पर सहमत हो जाते हैं तो वह अहमदाबाद से लगभग 30 किलोमीटर दूर राज्य की राजधानी गांधीनगर तक नंगे पैर चलकर जाएंगे और उन्हें धन्यवाद देंगे।
उन्होंने कहा, "यह (भाजपा) सरकार सर्वेक्षण (फसल नुकसान की मात्रा निर्धारित करने के लिए) के नाम पर नाटक कर रही है। अगर केंद्र की भाजपा सरकार बिना किसी सर्वेक्षण के उद्योगपतियों के 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर सकती है तो किसानों को मुआवजा देने की बात करते समय वे सर्वेक्षण की बात क्यों कर रहे हैं?"
विपक्षी विधायक ने कहा, "पंजाब की तरह, हम मांग करते हैं कि गुजरात के सभी प्रभावित किसानों को बिना किसी सर्वेक्षण के 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का मुआवजा दिया जाए। अगर सरकार अगले दो दिनों में ऐसा करती है तो मैं मुख्यमंत्री पटेल को धन्यवाद कहने के लिए गांधीनगर तक नंगे पैर चल कर जाऊंगा।"
पलटवार करते हुए गुजरात भाजपा नेता हितेंद्र पटेल ने मंगलवार को दावा किया कि पंजाब की आप सरकार ने वहां के सभी किसानों को वादे के अनुसार मुआवजा नहीं दिया है।
हितेंद्र पटेल ने कहा, "आप नेता बड़े-बड़े दावे करने और दूसरों को चुनौती देने में माहिर हैं। पंजाब में केवल 1.5 लाख हेक्टेयर जमीन ही अत्यधिक बारिश से प्रभावित हुई। सितंबर में राहत पैकेज की घोषणा की गई और उन्होंने 16 अक्टूबर से मुआवजा देना शुरू कर दिया। अब तक उन्होंने हर किसान को भुगतान पूरा नहीं किया है।"
राज्य सरकार ने 29 अक्टूबर को कहा कि अक्टूबर के अंत में हुई बेमौसम बारिश से गुजरात में 10 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि प्रभावित हुई।
अमरेली से कांग्रेस नेता और विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता परेश धनानी ने आप विधायक इटालिया की केवल 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की मांग की आलोचना की और दावा किया कि प्रत्येक किसान को प्रति बीघा 50,000 रुपये का नुकसान हुआ है।
सोमवार को अमरेली में किसानों को संबोधित करते हुए धनानी ने कहा, "अगर हम लागत और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मूंगफली बेचने के बाद मिलने वाली रकम को जोड़ दें तो वास्तविक नुकसान 50,000 रुपये प्रति बीघा हुआ। एक हेक्टेयर में करीब छह बीघा जमीन होती है। किसी ने 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की मांग की थी, जो कि सिर्फ 8,000 रुपये प्रति बीघा बैठता है।"
धनानी ने आप पर भाजपा के साथ "गुप्त समझौता" करने का आरोप लगाया।
उन्होंने जोर देकर कहा, "अब उस नेता (इटालिया) ने कहा है कि अगर किसानों को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का भुगतान किया गया तो वह मुख्यमंत्री के सामने नाचेंगे। ऐसा लगता है कि आप का उनके (भाजपा) साथ कोई गुप्त समझौता है। किसानों को उन लोगों से सावधान रहना चाहिए जो किसानों के हितों को केवल 8,000 रुपये में बेचना चाहते हैं। हम मांग करते हैं कि प्रत्येक किसान को प्रति हेक्टेयर नहीं बल्कि 50,000 रुपये प्रति बीघा का मुआवजा दिया जाए।"
भाषा
शुभम