भारतीय संस्कृति, भाषाओं पर एआई प्रणालियों के मूल्यांकन के लिये ओपनएआई ने इंडक्यूए पेश किया
प्रशांत दिलीप
- 04 Nov 2025, 06:17 PM
- Updated: 06:17 PM
बेंगलुरु, चार नवंबर (भाषा) ओपनएआई ने मंगलवार को इंडक्यूए पेश किया, जो एक मानक आंकड़ा है, जिसे यह मापने के लिए डिजाइन किया गया है कि एआई मॉडल भारतीय संस्कृति, भाषाओं और संदर्भ पर प्रश्नों को कितनी अच्छी तरह समझते हैं और तर्क करते हैं।
उन्होंने कहा कि इंडक्यूए भारतीय भाषाओं में भारतीय संस्कृति और रोजमर्रा के जीवन के बारे में ज्ञान और तर्क का मूल्यांकन करता है।
ओपनएआई के अनुसार, इंडक्यूए में 12 भाषाओं और 10 सांस्कृतिक क्षेत्र के 2,278 प्रश्न शामिल हैं, जिन्हें पूरे भारत के 261 विषय विशेषज्ञों के साथ साझेदारी में बनाया गया है।
इसमें कहा गया है कि पारंपरिक बेंचमार्क के विपरीत, इंडक्यूए के प्रश्न मूल रूप से लिखे गए हैं, अनुवादित नहीं हैं, तथा वे इस बात की बारीकियों को दर्शाते हैं कि भारत में लोग वास्तव में कैसे सोचते हैं, बोलते हैं और प्रश्न पूछते हैं।
ओपनएआई के बी2बी अनुप्रयोगों के सीटीओ श्रीनिवास नारायणन ने यहां संवाददाताओं को बताया, “ओपनएआई में, हमारा मानना है कि एआई पूरी मानवता के लिए उपयोगी होना चाहिए। इसका मतलब है कि एआई को स्थानीय संस्कृतियों, भाषाओं, इतिहास और संदर्भों को समझना चाहिए -- सिर्फ पश्चिमी दुनिया को ही नहीं। भारत अपार विविधताओं वाला देश है, जहां अनेक भाषाएं, परंपराएं और सांस्कृतिक बारीकियां हैं। यहां एआई को वास्तव में मूल्यवान बनाने के लिए, उसे इस समृद्धता को समझना होगा।”
इंडक्यूए की शुरुआत की घोषणा करते हुए नारायणन ने कहा कि इसे विशेष रूप से तैयार आंकड़ों के साथ बनाया गया है, जो भारत के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भ को दर्शाता है।
उन्होंने कहा, “यह आंकड़े हमारे मॉडलों को भारतीय बारीकियों को और गहराई से समझने में मदद करता है। विशेषज्ञ मूल्यांकन मानदंड भी प्रदान करते हैं, ताकि हम यह माप सकें कि सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रश्नों पर कृत्रिम बुद्धिमता कितना अच्छा प्रदर्शन करता है। हमारा लक्ष्य इसे प्रक्रिया और मानकीकरण के रूप में लेना और अन्य देशों में भी इसका उपयोग करना है। हम भारत के साथ इस तरह से काम कर रहे हैं।”
ओपनएआई के अनुसार, इंडक्यूए सांस्कृतिक रूप से प्रासंगिक विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है, जैसे वास्तुकला और डिजाइन, कला और संस्कृति, रोजमर्रा की जिंदगी, भोजन और पाककला, इतिहास, कानून और नैतिकता, साहित्य और भाषा विज्ञान, मीडिया और मनोरंजन, धर्म और आध्यात्मिकता, तथा खेल और मनोरंजन - और ये विषय बंगाली, अंग्रेजी, हिंदी, हिंग्लिश, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओडिया, तमिल, तेलुगु, गुजराती और पंजाबी में लिखे गए हैं।
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