महिलाओं की डिजिटल सुरक्षा, गोपनीयता को मजबूत करने के लिए साइबर कानूनों की समीक्षा का आह्वान
सुरभि सुरेश
- 04 Nov 2025, 06:08 PM
- Updated: 06:08 PM
नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने ऑनलाइन दुनिया में महिलाओं के लिए मजबूत डिजिटल अधिकार, गोपनीयता सुरक्षा और जवाबदेही तंत्र सुनिश्चित करने के लिए भारत के साइबर कानूनों की व्यापक समीक्षा की सिफारिश की है।
‘‘कानून समीक्षा 2024 और 2025 के लिए अनुशंसात्मक रिपोर्ट’’ में विस्तृत सिफारिशें विधि एवं न्याय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, महिला एवं बाल विकास और गृह मंत्रालयों को भेजी गई हैं।
यह रिपोर्ट एक साल तक जारी रहे राष्ट्रव्यापी परामर्श के समापन का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य लैंगिक-संवेदनशील दृष्टिकोण से भारत के साइबर कानूनी ढांचे की पुनर्कल्पना करना था।
इस अभ्यास के तहत पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, गुजरात, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ में आठ क्षेत्रीय परामर्श आयोजित किए गए। इसके बाद दो राष्ट्रीय परामर्श और गुवाहाटी स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय एवं न्यायिक अकादमी में परामर्श आयोजित किए गए।
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने कहा, ‘‘डिजिटल दुनिया ने महिलाओं के लिए सीखने, उद्यमशीलता और अभिव्यक्ति के अनंत द्वार खोले हैं, लेकिन इसने खतरे और धमकी के नये आयाम भी पैदा किए हैं।’’
उन्होंने कहा कि आयोग एक ऐसे डिजिटल तंत्र की कल्पना करता है ‘‘जहां कानून केवल अपराधियों को दंडित ही नहीं करे, बल्कि महिलाओं के सम्मान की रक्षा भी करे; जहां भय की जगह जागरूकता हो तथा हर महिला आत्मविश्वास, जानकारी और सुरक्षा के साथ डिजिटल दुनिया में कदम रख सके।’’
अंतिम परामर्श में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल हुए। इस परामर्श में डिजिटल दुनिया में महिलाओं की सुरक्षा के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने में एनसीडब्ल्यू के प्रयासों की सराहना की गई।
इस प्रक्रिया से 200 से अधिक कार्यान्वयन योग्य सिफारिशें सामने आईं, जिनमें न्यायाधीशों, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों, कानून प्रवर्तन अधिकारियों और नागरिक संगठन के सदस्यों के विचार शामिल थे।
प्रस्तावित उपायों में ऑनलाइन दुर्व्यवहार के लिए कठोर दंड, पीड़ित को अनिवार्य मुआवजा निधि, मजबूत गोपनीयता और सहमति मानदंड तथा गैर-सहमति वाली सामग्री को तेजी से हटाना शामिल है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत धारा 66, 66सी और 66डी के अंतर्गत दंड में वृद्धि की मांग की है, साथ ही निजी या अश्लील सामग्री साझा करने की धमकियों से संबंधित प्रावधानों की भी मांग की है।
भाषा सुरभि