अमेरिकी हिंदू संगठन ने उपराष्ट्रपति वेंस से ‘हिंदू धर्म से भी जुड़ने’ का अनुरोध किया
पारुल नेत्रपाल
- 01 Nov 2025, 04:57 PM
- Updated: 04:57 PM
न्यूयॉर्क, एक नवंबर (भाषा) अमेरिका के एक हिंदू संगठन ने उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से ‘‘हिंदू धर्म से भी जुड़ने’’ का अनुरोध किया है।
संगठन का यह अनुरोध वेंस की इस टिप्पणी के बाद आया है कि उनकी पत्नी उषा ने कुछ साल पहले उन्हें उनके धर्म से ‘‘फिर से जुड़ने’’ के लिए ‘‘प्रोत्साहित’’ किया था।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति मिसिसिपी विश्वविद्यालय में बुधवार को आयोजित ‘टर्निंग प्वाइंट यूएसए’ (टीपीयूएसए) कार्यक्रम में अपने अंतरधार्मिक विवाह के बारे में की गई टिप्पणियों के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।
दरअसल, कार्यक्रम में एक दक्षिण एशियाई महिला ने वेंस से उनके धर्म और उषा के साथ उनके अंतर-धार्मिक विवाह के बारे में सवाल पूछे थे, जिनके जवाब में उपराष्ट्रपति ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि उषा, जो एक हिंदू परिवार में पली-बढ़ी हैं, ‘‘कुछ हद तक उसी चीज से प्रभावित हैं, जिसके चलते वह चर्च से प्रभावित हुए थे।’’
अपने आलोचकों पर पलटवार करते हुए वेंस ने शुक्रवार को कहा कि यह उनकी पत्नी ही थीं, जिन्होंने उन्हें ईसाई धर्म से फिर से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने टीपीयूएसए में कहा था, मेरी पत्नी मेरी जिंदगी का सबसे अद्भुत आशीर्वाद हैं। उन्होंने खुद कई साल पहले मुझे अपने धर्म के साथ फिर से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।’’
वेंस की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ)’ ने शुक्रवार को एक बयान में अमेरिकी उपराष्ट्रपति से ‘‘हिंदू धर्म से भी जुड़ने’’ का आग्रह किया।
एचएएफ ने कहा, ‘‘उपराष्ट्रपति के संबंध में, अगर आपकी पत्नी ने आपको अपने धर्म के साथ फिर से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया, तो आप भी बदले में सकारात्मक पहल करें और हिंदू धर्म के साथ भी जुड़ें?’’
संगठन ने कहा, ‘‘हिंदू धर्म में यह इच्छा नहीं की जाती कि आपका जीवनसाथी भी धर्म के संदर्भ में चीजों को वैसे ही देखे, जैसा आप देखते हैं।’’ इसने कहा कि एक सार्वजनिक व्यक्ति और उपराष्ट्रपति होने के नाते वेंस को ‘‘हिंदुओं के उनके धर्म के पालन के अधिकार’’ को मान्यता देनी चाहिए।
एचएएफ ने कहा, ‘‘आप उपराष्ट्रपति हैं। आप जैसे सार्वजनिक ईसाई व्यक्ति के लिए हिंदुओं पर हिंदू धर्म के सकारात्मक प्रभाव और अपने धर्म का पालन करने के उनके अधिकार को मान्यता देना बेहद उचित होगा।’’
संगठन ने धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ बोलने के लिए वेंस के कुछ समर्थकों की आलोचना भी की।
इसने कहा, ‘‘आपके समर्थकों में शामिल कुछ सबसे मुखर आवाजें वास्तव में यह नहीं मानती हैं कि धार्मिक स्वतंत्रता, जो इस राष्ट्र की स्थापना की मूल अवधारणाओं में से एक है, का विस्तार हिंदुओं तक होना चाहिए।’’
वेंस ने बुधवार को टीपीयूएसए में कहा था कि उषा अधिकांशत: रविवार को उनके साथ चर्च जाती हैं।
उन्होंने कहा था, ‘‘...मैंने उनसे कहा है, मैं यह सार्वजनिक रूप से कह चुका हूं और अब मैं अपने 10,000 करीबी दोस्तों के सामने भी कहूंगा कि मुझे लगता है कि आखिरकार वह भी उसी चीज से प्रभावित हैं, जिसके चलते मैं चर्च से प्रभावित हुआ था? हां, मैं ईमानदारी से यही चाहता हूं, क्योंकि मैं ईसाई सुसमाचार में विश्वास करता हूं और मैं आशा करता हूं कि अंततः मेरी पत्नी भी इसे उसी तरह से देखेंगी।’’
वेंस ने कहा था, ‘‘लेकिन अगर वह ऐसा नहीं करती हैं, तो भगवान कहते हैं कि हर किसी के पास स्वतंत्र इच्छाशक्ति होती है और इसलिए यह मेरे लिए समस्या की कोई बात नहीं है। यह एक ऐसी चीज है, जिसे आप अपने दोस्तों, अपने परिवार और उस व्यक्ति के साथ मिलकर सुलझाते हैं, जिसे आप प्यार करते हैं।’’
हालांकि, शुक्रवार को उपराष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी का धर्म परिवर्तन का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह ईसाई नहीं हैं और उनका धर्म परिवर्तन करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अंतर्धार्मिक विवाह या किसी भी अंतर्धार्मिक रिश्ते में रहने वाले कई लोगों की तरह, मुझे उम्मीद है कि एक दिन वह भी मेरी तरह चीजों को देख पाएंगी। इसके बावजूद, मैं उनसे प्यार करता रहूंगा और उनसे आस्था, जीवन और बाकी सभी चीजों के बारे में बात करता रहूंगा, क्योंकि वह मेरी पत्नी हैं।’’
भाषा पारुल