एक अगस्त से शुरू होगी रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, दो साल में 3.5 करोड़ रोजगार का लक्ष्य
अनुराग प्रेम
- 25 Jul 2025, 06:32 PM
- Updated: 06:32 PM
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना 'प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना' एक अगस्त, 2025 से लागू होगी। श्रम मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी दी थी। मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस योजना का उद्देश्य देश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करना है।
कुल 99,446 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली 'प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना' (पीएमवीबीआरवाई) का लक्ष्य दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार के सृजन को प्रोत्साहित करना है। इनमें से 1.92 करोड़ लाभार्थी पहली बार कार्यबल में शामिल होंगे।
इस योजना का लाभ एक अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित होने वाली नौकरियों पर लागू होगा।
बयान के अनुसार, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना एक अगस्त, 2025 से ‘प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना’ (पीएम-वीबीआरवाई) के रूप में लागू होगी।
यह नाम विकासशील भारत पहल के प्रति योजना के समग्र उद्देश्यों के अनुरूप है और देश में समावेशी और पर्यावरण अनुकूल रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करने वाली इस योजना का उद्देश्य विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान देते हुए विभिन्न क्षेत्रों में नए रोजगार सृजन के लिए लाभ प्रदान करना है।
यह रोजगार-आधारित विकास के माध्यम से आर्थिक वृद्धि को गति देने की भारत की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस योजना के दो हिस्से हैं। भाग ‘ए’ पहली बार निवेश करने वालों पर केंद्रित है जबकि भाग ‘बी’ नियोक्ताओं पर केंद्रित है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पहली बार पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए भाग ‘ए’ के तहत 15,000 रुपये तक का एक महीने का ईपीएफ अंशदान दो किस्तों में मिलेगा। एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी इसके पात्र होंगे।
पहली किस्त छह माह की सेवा के बाद देय होगी जबकि दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी।
बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए इस प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए बचत साधन या जमा खाते में रखा जाएगा और कर्मचारी द्वारा बाद में इसे निकाला जा सकेगा।
इस भाग में सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोज़गार सृजन को शामिल किया जाएगा, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
नियोक्ता एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि प्राप्त करेंगे।
सरकार नियोक्ताओं को कम से कम छह महीने तक लगातार रोज़गार देने वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए, दो वर्षों तक 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए, प्रोत्साहन राशि को तीसरे और चौथे वर्ष के लिए भी बढ़ाया जाएगा।
भाषा अनुराग