मुक्त व्यापार समझौते से गोवा की फेनी, केरल की ताड़ी को मिलेगी ब्रिटेन में जगह बनाने में मदद
राजेश राजेश अजय
- 24 Jul 2025, 06:07 PM
- Updated: 06:07 PM
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) गोवा की फेनी, नासिक की वाइन और केरल की टोडी (ताड़ी) सहित भारत के अनूठे पारंपरिक पेय पदार्थों को ब्रिटेन में मान्यता मिलने वाली है। दोनों देशों ने बृहस्पतिवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसके साथ ही विशिष्ट प्रकार के अल्कोहल-आधारित भारतीय पेय पदार्थों को न केवल अपने पारंपरिक भौगोलिक संकेतक (जीआई) संरक्षण का लाभ मिलेगा, बल्कि ब्रिटेन जैसे विकसित बाजारों में भी उनकी पहुंच होगी, जहां प्राकृतिक और जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है।
ये पेय पदार्थ ब्रिटिश पेय पदार्थों को अपना अनूठा स्वाद, विशिष्ट स्वाद और विरासत प्रदान करेंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि एफटीए न केवल स्कॉच व्हिस्की और अन्य के साथ पारंपरिक भारतीय पेय पदार्थों को ब्रिटेन में जगह दिलाने में मदद करेगा, बल्कि आतिथ्य जैसे विशिष्ट माध्यमों का पता लगाने में भी मदद करेगा।
अधिकारी ने आगे कहा, ‘‘गोवा की फेनी, नासिक की विशिष्ट वाइन और केरल की ताड़ी जैसे भारतीय पेय अब भौगोलिक संकेतक (जीआई) सुरक्षा के साथ ब्रिटेन में जगह बना पाएंगे।
यह सरकार के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा, जो वैश्विक बाजारों में भारतीय अल्कोहल वाले पेय पदार्थों के निर्यात को बढ़ावा दे रही है।
हालांकि, यह एक नया क्षेत्र है, सरकार को उम्मीद है कि देश का अल्कोहल वाले पेय पदार्थों का निर्यात मौजूदा 37.05 करोड़ डॉलर से बढ़कर वर्ष 2030 तक एक अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
इससे पहले अप्रैल में, एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) ने कहा था कि भारतीय अल्कोहल पेय पदार्थों की वैश्विक बाजारों में अपार संभावनाएं हैं और देश के पास दुनिया को देने के लिए जिन, बीयर, वाइन और रम सहित कई अच्छे उत्पाद हैं।
भारत वर्तमान में अल्कोहल वाले पेय पदार्थों के निर्यात के मामले में दुनिया में 40वें स्थान पर है, और आने वाले वर्षों में दुनिया के शीर्ष 10 निर्यातकों में शामिल होने का लक्ष्य है।
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