संसद सुरक्षा उल्लंघन : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस ने आरोपी की जमानत अर्जी पर मांगा जवाब
राजकुमार माधव
- 24 Jul 2025, 05:47 PM
- Updated: 05:47 PM
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिसंबर 2023 के संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले के एक आरोपी की जमानत याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा तथा कहा कि संसद में व्यवधान डालना देश में आतंक फैलाने का सबसे अच्छा तरीका है।
न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति शालिन्दर कौर की पीठ मामले में आरोपियों-- सागर शर्मा और मनोरंजन डी की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
मनोरंजन के वकील ने कहा कि संसद के अंदर नारेबाजी करते हुए धुआं उड़ाने की घटना आतंकवादी कृत्य नहीं है क्योंकि धुआं आपत्तिजनक नहीं है तथा आरोपी का इरादा केवल बेरोजगारी को उजागर करना था, आतंक फैलाना नहीं।
इसपर पीठ ने कहा,‘‘भारत में आतंक फैलाने का सबसे अच्छा तरीका संसद को बाधित करना है। आपने संसद को बाधित किया।’’
उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को शर्मा की जमानत याचिका पर वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और सुनवाई आठ अक्टूबर के लिए स्थगित कर दी। उच्च न्यायालय आठ अक्टूबर को मनोरंजन की उस याचिका पर भी विचार करेगा जिस पर उसने पहले नोटिस जारी किया था।
आरोपियों ने इस मामले में जमानत से इनकार करने के अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
संसद में 2001 के आतंकवादी हमले की बरसी पर आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी कथित तौर पर शून्यकाल के दौरान दर्शक से लोकसभा के सभाकक्ष में कूद गए थे, उन्होंने पीली गैस छोड़ी थी और नारे लगाए थे। जिसके बाद कुछ सांसदों ने उन्हें काबू कर लिया था।
लगभग उसी समय, दो अन्य आरोपियों - अमोल शिंदे और नीलम आजाद - ने संसद परिसर के बाहर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाते हुए कनस्तरों से कथित तौर पर रंगीन गैस का छिड़काव किया था। इसे बहुत बड़ी सुरक्षा चूक के रूप में लिया गया था।
उच्च न्यायालय इस माह में सह-आरोपियों-- नीलम आजाद और महेश कुमावत को जमानत दे चुका है।
शर्मा ने तर्क दिया कि वह समानता के आधार पर जमानत पर रिहा होने का हकदार है, जबकि मनोरंजन ने अपने खिलाफ आरोपों को ‘अस्पष्ट’ बताया और कहा कि दिल्ली पुलिस ने गलत तरीके से उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं।
पीठ ने कहा कि कोई समानता नहीं है क्योंकि जमानत पाने वालों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था जबकि मौजूदा आरोपी संसद के अंदर थे।
निचली अदालत ने कहा था कि नीलम आजाद, मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे, ललित झा और महेश कुमावत को 13 दिसंबर, 2023 को संसद को निशाना बनाने के लिए घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा दी गई धमकी के बारे में पहले से ही जानकारी थी।
चार लोगों को मौके से हिरासत में लिया गया, जबकि झा और कुमावत को बाद में गिरफ्तार किया गया।
भाषा
राजकुमार