ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान से तीन साल की छूट बड़ी सफलता: गोयल
निहारिका अजय
- 24 Jul 2025, 05:29 PM
- Updated: 05:29 PM
(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 24 जुलाई (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि दोहरे अंशदान समझौते के तहत ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान से तीन साल की छूट भारतीय पेशेवरों और उनके नियोक्ताओं के लिए एक ‘‘महत्वपूर्ण सफलता’’ है।
गोयल ने साथ ही कहा कि दोनों पक्षों के बीच इस ‘‘ऐतिहासिक’’ व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत की प्रतिभा को ब्रिटेन के उच्च मूल्य वाले बाजारों तक आसान पहुंच का लाभ मिलेगा।
भारत और ब्रिटेन ने एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे ब्रिटिश व्हिस्की, कारों और कई वस्तुओं पर शुल्क में कटौती का प्रस्ताव है। साथ ही 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने में मदद मिलेगी, जो वर्तमान में 56 अरब अमेरिकी डॉलर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की उपस्थिति में बृहस्पतिवार को लंदन में दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए गए।
गोयल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ आईटी, सेवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में भारत की प्रतिभा को ब्रिटेन के उच्च मूल्य वाले बाजारों तक आसान पहुंच का लाभ मिलेगा।’’
उन्होंने ब्रिटेन में सामाजिक सुरक्षा अंशदान से तीन वर्ष की छूट (डबल कंट्रिब्यूशन कन्वेंशन के हिस्से के रूप में) को भारतीय श्रमिकों एवं उनके नियोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
गोयल ने कहा, ‘‘ भारत-ब्रिटेन एफटीए हमारे स्टार्टअप के लिए ब्रिटेन के ग्राहकों, निवेशकों और नवाचार केंद्रों के द्वार खोलेगा जिससे उन्हें वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाने में मदद मिलेगी।’’
भारत-ब्रिटेन एफटीए भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात को भी बढ़ावा देने के लिए तैयार है। शून्य-शुल्क पहुंच से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है। साथ ही ब्रिटेन के ऑप्टिकल फाइबर केबल और इन्वर्टर बाजार में भारत की पकड़ मजबूत होगी।
यह सॉफ्टवेयर सेवाओं के विकास को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि सॉफ्टवेयर और आईटी-सक्षम सेवाओं के लिए ब्रिटेन की महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताओं से नए बाजार खुलते दिख रहे हैं। वहीं रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल रहा है और भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए अवसर बढ़ रहे हैं।
सॉफ्टवेयर विकास और नेटवर्क अवसंरचना के लिए प्रतिस्पर्धी पहुंच से भी डिजिटल व्यापार में वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
भाषा निहारिका