मिथुन ने ममता के बंगाली प्रवासियों को परेशान करने के दावे का खंडन किया
नोमान पवनेश
- 24 Jul 2025, 06:49 PM
- Updated: 06:49 PM
कोलकाता, 24 जुलाई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और अन्य राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों पर हमलों के संबंध में उनके हालिया बयान को "निराधार" करार देते हुए उन पर 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए भय फैलाने का आरोप लगाया।
चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व निर्वाचन आयोग (ईसी) द्वारा किये जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से घबरा गया है, क्योंकि उन्हें अपने "अवैध वोट बैंक" से नियंत्रण गंवाने का डर है।
उन्होंने कहा, "तृणमूल कांग्रेस के नेता जानते हैं कि एक बार घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए तो वे 2026 में पश्चिम बंगाल की 294 सीटों में से 70 भी नहीं जीत पाएंगे। इसीलिए वे घबरा रहे हैं और निर्वाचन आयोग के पुनरीक्षण अभियान का विरोध कर रहे हैं।"
चक्रवर्ती ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बनर्जी की टिप्पणी का उद्देश्य बंगाल के लोगों में "विवाद पैदा करना" और "अनावश्यक दहशत पैदा करना" है।
राज्यसभा के पूर्व सदस्य चक्रवर्ती ने कहा, "वह हर चीज़ में विवाद पैदा करना चाहती हैं। कुछ नहीं होने वाला है। बांग्ला भाषा जैसी है वैसी ही रहेगी। ममता बनर्जी का इस पर एकाधिकार नहीं है। हम कड़ी टक्कर देंगे।" चक्रवर्ती टीएमसी से संसद के उच्च सदन के सदस्य रहे हैं।
उन्होंने 2016 में टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा चुनाव से ठीक एक महीने पहले 2021 में भाजपा में शामिल हो गए थे।
बनर्जी ने कुछ दिन पहले एक जन रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बंगाली प्रवासी श्रमिकों को परेशान किया जा रहा है और उन्होंने भाजपा के "भाषाई आतंकवाद" के खिलाफ चेतावनी दी।
मुख्यमंत्री ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्य बिहार में मतदाता सूची से अल्पसंख्यक और प्रवासी मतदाताओं के नाम कथित तौर पर हटाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करने का भी आग्रह किया था जिसमें निर्वाचन आयोग के कार्यालयों का घेराव करना भी शामिल है।
आयोग के कार्यालय के घेराव के ममता बनर्जी के आह्वान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुये चक्रवर्ती ने कहा, "निर्वाचन आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। फर्जी और जाली मतदाताओं को हटाना होगा, तभी चुनाव निष्पक्ष होंगे। अगर आयोग का घेराव भी किया गया तो क्या हासिल होगा? ऐसे विरोध प्रदर्शनों का क्या मतलब है?"
चक्रवर्ती ने दावा किया कि ऐसे सबसे ज्यादा घुसपैठिये पश्चिम बंगाल में हैं जो मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने में कामयाब रहे हैं और सत्तारूढ़ पार्टी लंबे समय से इनका "इस्तेमाल" कर रही है।
उन्होंने कहा, "भारत में कहीं भी वास्तविक बंगाली मतदाताओं के नाम नहीं हटाए जा रहे हैं। केवल उन लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं जो अवैध रूप से घुसपैठ करके मतदाता के रूप में पंजीकृत हो गए हैं।"
चक्रवर्ती ने बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं से ऐसे अवैध लोगों की पहचान करने में निर्वाचन आयोग की सहायता करने का भी आग्रह किया।
इस बीच, टीएमसी निर्वाचन आयोग के विशेष पुनरीक्षण अभियान का पुरजोर विरोध कर रही है।
बनर्जी ने यहां तक कहा कि उनकी पार्टी राज्य में इस प्रक्रिया को लागू नहीं होने देगी और आरोप लगाया कि यह पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) लागू करने का एक अप्रत्यक्ष प्रयास है।
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