एशियाई बाजारों के मजबूत रुख के बीच सेंसेक्स 540 अंक चढ़ा, निफ्टी 25,200 अंक के पार
रमण अजय
- 23 Jul 2025, 04:20 PM
- Updated: 04:20 PM
मुंबई, 23 जुलाई (भाषा) एशियाई बाजारों के मजबूत रुख के बीच स्थानीय शेयर बाजार में बुधवार को तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 540 अंक चढ़ गया। वहीं एनएसई निफ्टी 25,200 अंक के ऊपर पहुंच गया। जापान और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के बाद एशियाई बाजारों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 539.83 अंक यानी 0.66 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,726.64 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 599.62 अंक तक चढ़ गया था।
पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 159 अंक यानी 0.63 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,219.90 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, मारुति, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रमुख रूप से लाभ में रहीं।
दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक सीमेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटीसी शामिल हैं।
एशिया के अन्य बाजारों में, जापान के निक्की में 3.51 प्रतिशत का उछाल आया। इसका कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जापान के साथ व्यापार समझौते की घोषणा है। समझौते के तहत जापान से आयातित वस्तुओं पर 15 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा।
दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग भी बढ़त में रहे।
यूरोप के प्रमुख बाजार दोपहर के कारोबार में बढ़त में थे। मंगलवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुए थे।
आशिका इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार, ‘‘वैश्विक स्तर पर, अमेरिका-जापान व्यापार समझौते के बाद निवेशकों की धारणा मजबूत हुई। इससे निकट भविष्य में और देशों के साथ समझौतों की उम्मीदें बढ़ गई है।’’
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,548.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने पिछले कारोबार में 5,239.77 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.45 प्रतिशत टूटकर 68.29 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
अमेरिकी मुद्रा में मजबूती और विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी के बीच, रुपया लगातार छठे कारोबारी सत्र में कमजोर रहा और बुधवार को डॉलर के मुकाबले तीन पैसे की गिरावट के साथ 86.41 पर बंद हुआ।
भाषा रमण