भाजपा नेता ने हिंदी भाषियों पर हमले की निंदा की, पहलगाम हमले से तुलना की
राजकुमार नरेश
- 06 Jul 2025, 07:55 PM
- Updated: 07:55 PM
मुंबई, छह जुलाई (भाषा) हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा के बीच, महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता आशीष शेलार ने रविवार को पहलगाम आतंकवादी हमले एवं मुंबई में ‘हिंदुओं’ की पिटाई की तुलना करते हुए कहा कि कुछ नेताओं ने उसका समर्थन किया है।
उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे पर परोक्ष हमला करते हुए शेलार ने कहा कि राज्य देख रहा है कि कैसे कुछ नेता ‘‘अन्य हिंदुओं की पिटाई का आनंद ले रहे हैं।’’
वरिष्ठ भाजपा नेता की यह टिप्पणी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं द्वारा यहां मिठाई की एक दुकान के मालिक की मराठी न बोलने पर पिटाई किये जाने के बाद उपजे आक्रोश के बीच आई है।
शनिवार को मनसे कार्यकर्ताओं ने यहां वर्ली में शेयर बाजार निवेशक सुशील केडिया के कार्यालय के कांच के दरवाजे को क्षतिग्रस्त कर दिया, क्योंकि उन्होंने घोषणा की थी कि वह मराठी नहीं बोलेंगे और पार्टी प्रमुख राज ठाकरे को चुनौती दी थी।
स्थानीय निकाय चुनाव से पहले मराठी बोलने को लेकर उत्पन्न विवाद एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है।
शेलार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहलगाम आतंकी हमले में लोगों को गोली मारने से पहले उनसे उनका धर्म पूछा गया था। यहां लोगों पर उनकी भाषा के आधार पर हमला किया जा रहा है, जो निराशाजनक है।’’
भाजपा ने कहा,‘‘राज्य देख रहा है कि कैसे ये नेता अन्य हिंदुओं की पिटाई का आनंद ले रहे हैं।’’
मंत्री से एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर हिंदी भाषी लोगों पर हमले के बारे में पूछा गया था।
जम्मू-कश्मीर में पहलगाम के पास 22 अप्रैल, 2025 को सशस्त्र आतंकवादियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। उसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा मराठी लोगों के सम्मान की रक्षा करेगी और गैर-मराठी बाशिंदों की भी हिफाजत करेगी।
भाजपा नेता ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मराठी हमारे लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।’’
हिंदी भाषा विवाद तब शुरू हुआ जब भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी कर प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी भाषा सीखना अनिवार्य कर दिया।
मनसे और शिवसेना (उबाठा) की ओर से बढ़ते विरोध के बीच सरकार ने हिंदी को ‘सामान्य रूप से’ तीसरी भाषा बनाने के लिए सरकारी आदेश में संशोधन किया और अंततः 29 जून को दोनों आदेश वापस ले लिए।
ऐसा माना जा रहा है कि मराठी पहचान और हिंदी को "थोपे जाने’ के मुद्दे ने शनिवार को लगभग 20 वर्षों के बाद उद्धव और राज ठाकरे को साथ लाने में भी भूमिका निभायी। दोनों नेताओं ने त्रिभाषा नीति के तहत जी आर को समाप्त करने के सरकार के निर्णय का जश्न मनाने के लिए संयुक्त ‘विजय’ रैली की।
मुंबई नगर निगम और अन्य नगर निगमों के चुनाव नजदीक आने के साथ ही भाजपा भाषा विवाद में कूद पड़ी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हिंदी भाषा को लेकर हिंसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
संयुक्त रैली को संबोधित करते हुए शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मराठी गौरव का बचाव करते हुए कहा,‘‘अगर हमें न्याय के लिए गुंडागर्दी करनी पड़े तो हम गुंडे हैं।’’
राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बिना उकसावे के भाषा को लेकर किसी पर हमला न करें।
भाजपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने मराठी में बात न करने पर ‘हिंदुओं’ को निशाना बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी, जबकि उनके कैबिनेट सहयोगी और शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने कहा कि मराठी पर मनसे का एकाधिकार नहीं है।
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राजकुमार