उपचुनावों के परिणाम से गुजरात में ‘आप’ को बल मिला, कांग्रेस को झटका; तृणमूल का वर्चस्व बरकरार
संतोष सुभाष
- 23 Jun 2025, 10:15 PM
- Updated: 10:15 PM
नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) चार राज्यों में पांच विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनावों के नतीजों से पंजाब और गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) को नयी ऊर्जा मिली है, जिसे हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, केरल में जीत मिलने से कांग्रेस को ताकत मिली है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि ‘‘2027 में एक चक्रवात आएगा’ जब ‘आप’ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों को हरा देगी क्योंकि इसके काम को लोग पसंद करते हैं।
नये जिला पार्टी प्रमुखों की नियुक्ति करके गुजरात में संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही कांग्रेस को उस समय झटका लगा, जब प्रदेश पार्टी अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने दो सीट पर हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोड़ दिया।
गुजरात में भाजपा ने कडी सीट बरकरार रखी, जबकि ‘आप’ की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष गोपाल इटालिया राज्य की विसावदर सीट पर विजयी हुए।
आप ने पंजाब में लुधियाना (पश्चिम) विधानसभा सीट भी जीती, जहां उसके उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के भारत भूषण आशु को 10,600 से अधिक मतों से हराया।
केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने उपचुनाव में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से नीलांबुर सीट छीन ली, जिसमें आर्यदान शौकत ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिवालय सदस्य एम स्वराज के खिलाफ जीत दर्ज की।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि सफलता का सबसे अहम सबक एक टीम के रूप में सटीक एकाग्रता के साथ काम करना है।
स्वराज ने कहा कि एलडीएफ परिणामों का बारीकी से विश्लेषण करेगा, लेकिन उन्होंने वाम सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के सुझावों को खारिज कर दिया।
शौकत ने कहा कि परिणाम अपेक्षित थे। उन्होंने कहा, ‘‘यह केरल के लोगों द्वारा प्रत्याशित जीत थी - एलडीएफ सरकार के खिलाफ एक बड़ी जीत।’’
यह चौथा उपचुनाव है जिसमें माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे को हार का सामना करना पड़ा है। एलडीएफ इससे पहले पुथुपल्ली, पलक्कड़ और थ्रिक्काकारा विधानसभा सीट पर हार गया था।
पश्चिम बंगाल में कालीगंज विधानसभा सीट पर भाजपा के आशीष घोष को 50,049 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत दर्ज करने वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि यह ‘लोगों के प्यार’ और ममता बनर्जी की विकास की राजनीति में उनके विश्वास के कारण संभव हुआ।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से टीएमसी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में दर्ज मत प्रतिशत से अधिक मत प्रतिशत के साथ बंगाल में हुए सभी 11 उपचुनाव जीते हैं।
भाजपा ने दावा किया कि उसे कालीगंज निर्वाचन क्षेत्र में हिंदू वोटों का अब तक का सबसे अधिक हिस्सा मिला है, क्योंकि वहां ‘हिंदुत्व के प्रति चेतना’ बढ़ रही है और मुर्शिदाबाद दंगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
पंजाब और गुजरात के उपचुनावों में पार्टी उम्मीदवारों की जीत से उत्साहित केजरीवाल ने इस अवसर का उपयोग कांग्रेस कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को लुभाने के लिए किया और कहा कि केवल आप ही भाजपा को हरा सकती है, कांग्रेस नहीं।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के शीर्ष नेता भाजपा के साथ ‘मिले हुए’ हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि उन्होंने ‘‘साथ मिलकर उपचुनाव लड़ा और भाजपा की जीत सुनिश्चित करने में मदद की।’’
केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कुछ लोग कहते हैं कि यह 2027 का सेमीफाइनल है। हम सोच सकते हैं कि अगर यह सेमीफाइनल है और 2022 एक तूफान था, तो 2027 में चक्रवात आएगा।’’
गुजरात और पंजाब, दोनों राज्यों में 2027 में विधानसभा चुनाव होंगे।
केजरीवाल ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी अक्सर उपचुनाव जीतती है, लेकिन गुजरात में आप की जीत से पता चलता है कि लोग 30 साल के भाजपा शासन से तंग आ चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अब वे आप को एक विश्वसनीय विकल्प के रूप में देखते हैं। इन उपचुनावों ने दिखाया कि कैसे कांग्रेस नेतृत्व ने आप को हराने के लिए भाजपा की मदद की। कांग्रेस भाजपा की कठपुतली बन गई है। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि वे इसे समझें और आप में शामिल हों।’’
केरल में कांग्रेस की जीत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा, ‘‘हमने एक टीम के रूप में काम किया, हर एक ने प्रतिबद्धता और एकाग्रता के साथ काम किया, यही इस सफलता का सबसे अहम सबक है।’’
प्रियंका ने कहा, ‘‘आर्यदान शौकत को हार्दिक बधाई, जिनकी लगन और सेवा ने सबको प्रभावित किया है। यूडीएफ के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी बधाई, जिनके प्रयासों से यह जीत संभव हुई है।’’
प्रियंका ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सबसे बढ़कर नीलांबुर के मेरे भाइयों और बहनों को उनके समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। हमारे संविधान के मूल्यों और प्रगति के प्रति यूडीएफ के दृष्टिकोण में आपका भरोसा और विश्वास हमारे आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शक प्रकाश होगा।’’
अंतिम आंकड़े आने से बहुत पहले चुनाव परिणाम घोषित करते हुए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने कालीगंज के लोगों को बधाई दी और उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
उन्होंने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘क्षेत्र के सभी धर्मों, जातियों, नस्लों और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों ने कालीगंज विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करके हमें बहुत आशीर्वाद दिया है। मैं विनम्रतापूर्वक उनके प्रति आभार व्यक्त करती हूं। इस जीत के मुख्य शिल्पी ‘मां, माटी और मानुष’ हैं। कालीगंज के मेरे साथियों ने इसके लिए अथक परिश्रम किया है। मैं उन्हें भी अपनी हार्दिक बधाई देती हूं। सभी को मेरा अभिवादन और प्रणाम।’’
ममता बनर्जी ने कहा, ‘‘दिवंगत विधायक नसीरुद्दीन अहमद को याद करते हुए, मैं इस जीत को मातृभूमि और बंगाल के लोगों को समर्पित करती हूं।’’
बनर्जी पर पलटवार करते हुए राज्य में भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने दावा किया कि उनकी पार्टी को ‘हिंदुत्व के प्रति बढ़ती चेतना’ और मुर्शिदाबाद में हुए दंगों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण निर्वाचन क्षेत्र में हिंदू वोटों का अब तक का सबसे अधिक हिस्सा मिला है।
‘एक्स’ पर एक पोस्ट में मालवीय ने बनर्जी के इस दावे का खंडन किया कि तृणमूल कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार को सभी धर्मों और जातियों के लोगों का समर्थन मिला।
भाषा संतोष