उत्तर प्रदेश पुलिस के नव-नियुक्त सिपाहियों को एक आना-पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी: अमित शाह
आनन्द सलीम नोमान
- 15 Jun 2025, 04:50 PM
- Updated: 04:50 PM
लखनऊ, 15 जून (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर पुलिस के नव-नियुक्त सिपाहियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए रविवार को कहा कि भर्ती हुए इन कर्मियों को न तो ‘‘एक आना-पाई की रिश्वत देनी पड़ी” और न ही ये भर्तियां खर्ची, पर्ची और जाति के आधार पर हुई हैं।
यहां डिफेंस एक्सपो मैदान में आयोजित समारोह में नव-नियुक्त 60,244 सिपाहियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शाह ने कहा, ‘‘पहले के जमाने में कई प्रकार की भर्तियां हुई और इस प्रकार की रैली भी हुई, लेकिन इस बार संख्या सबसे ज्यादा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी दृष्टि से संख्या से ज्यादा एक बात महत्वपूर्ण है, मेरे सामने 60,244 युवा बैठे हैं और हिम्मत से कह रहा हूं कि किसी को एक आना-पाई की रिश्वत नहीं देनी पड़ी है। यह पारदर्शिता के साथ भर्ती हुई है। न खर्ची, न पर्ची, न कोई सिफारिश, न जाति के आधार पर...48 लाख आवेदनों में आप सब अपनी योग्यता के आधार पर आए हैं और मैं मानता हूं कि इससे बड़ी उपलब्धि किसी भी शासन के लिए नहीं हो सकती है।’’
शाह ने कहा, ‘‘हम सबके लिए बड़ा अवसर है लेकिन मेरे सामने बैठे युवाओं का सबसे शुभ दिन है। 60 हजार से अधिक युवा हर जाति, समाज और हर जनपद का प्रतिनिधित्व करते हैं और आज भारत के सबसे बड़े पुलिस बल का हिस्सा बनने जा रहे हैं। सभी को शुभकामनाएं।’’
केन्द्रीय गृह मंत्री ने पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश का पुलिस बल देश में सबसे बड़ा है, लेकिन राज्य की कानून व्यवस्था बिगड़ती गयी। 2017 में भाजपा की सरकार बनी और योगी जी मुख्यमंत्री बने तो उत्तर प्रदेश पुलिस नई बुलंदियों को हासिल करने के रास्ते पर आगे बढ़ रही है।’’
शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल का हिस्सा बनने जा रहे सिपाहियों में 12000 से ज्यादा महिलाएं हैं।
उन्होंने कहा कि इन महिला सिपाहियों से जब वह मिले तो उनका हौसला, चेहरे पर आत्मविश्वास और आनंद देखकर मन को बड़ा सुकून मिला और महिलाओं के लिए की गई आरक्षण की व्यवस्था का शत प्रतिशत अनुकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है।
शाह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पुलिस बल में सुधार का श्रेय देते हुए समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार को कठघरे में खड़ा किया और कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के पुलिस बल में आधुनिकीकरण की शुरुआत हुई लेकिन उत्तर प्रदेश में शुरुआत तीन साल देरी से हुई। 2014 से 2017 तक भारत सरकार की कोई सुधार प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ती थी। 2017 में योगी जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद सुधार प्रक्रिया शुरू हुई।’’
केन्द्रीय गृह मंत्री ने दावा किया कि आज तक जाति के आधार पर भर्तियां होती थी, लेकिन तकनीक से आप सभी को ताकत मिली है और प्रौद्योगिकी के कारण पारदर्शिता से आप सबकी नियुक्ति हुई है।
उनके मुताबिक, पीसीआर वाहन और 150 से ज्यादा ‘ऑन व्हील्स’ एफएसएल की यूनिट लोगों को न्याय दिलाने के काम में लगी हैं।
शाह ने कहा ''आप सभी को इसे आगे ले जाना है। सुरक्षा सेवा और संवेदनशीलता इन तीनों के मंत्र के साथ आप आगे बढ़ेंगे इसका मुझे भरोसा है।''
उन्होंने प्रतिभागियों से सुरक्षा, सेवा और संवेदनशीलता के मंत्र के साथ आगे बढ़ने का आह्वान करते हुए कहा कि उप्र पुलिस का डर गुंडों और माफियाओं पर सख्त होना चाहिए, लेकिन गरीब, पिछड़े, और आदिवासी समुदायों के लिए पुलिस को मसीहा के रूप में दिखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत 2047 तक वैश्विक नेता बनेगा, उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि इसने सभी को कड़ा संदेश दिया।
शाह ने कहा, ‘‘मैं दोहराता हूं, 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा।’’
समारोह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक ने भी संबोधित किया।
केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री मौर्य और पाठक की मौजूदगी में संत कबीर नगर के सत्यम नायक को सबसे पहले नियुक्ति पत्र दिया।
इसके बाद खीरी के प्रेम सागर, फर्रुखाबाद की शालिनी शाक्य, बलिया के उपेन्द्र यादव, बरेली की शिल्पा सिंह, कानपुर देहात के बीनू बाबू, महोबा के योगेन्द्र सिंह, उन्नाव के शिवांश पटेल, वाराणसी के मनीष त्रिपाठी और लखनऊ की रोशन जहां को नियुक्ति पत्र दिए गए। मंच पर कुल 15 महिला, पुरुष आरक्षियों को नियुक्ति पत्र दिया गया।
इस भर्ती अभियान के तहत 60 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाना है।
सिविल पुलिस सीधी भर्ती-2023 के तहत 48,196 पुरुष और 12,048 महिला अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। यह प्रक्रिया उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा संचालित की गई थी।
एक बयान में कहा गया कि भर्ती अभियान में 48.17 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 15.49 लाख महिलाओं के थे। बड़े पैमाने के बावजूद, उन्नत तकनीक और सख्त पर्यवेक्षण के उपयोग से परीक्षा और चयन प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हुई।
राज्य सरकार ने कहा कि उसने न केवल समय पर भर्ती सुनिश्चित की है, बल्कि प्रशिक्षण मानकों को बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए हैं।
बयान में कहा गया कि सभी चयनित उम्मीदवारों को आधुनिक प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके लिए प्रशिक्षण केंद्रों की क्षमता बढ़ाई गई है।
नियुक्ति पत्र वितरण से पहले, मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश’ एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने जा रहा है।
आदित्यनाथ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा आज लखनऊ में विश्व के सबसे बड़े पुलिस बल उत्तर प्रदेश पुलिस की अब तक की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा में चयनित 60,244 अभ्यर्थियों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे।’’
उन्होंने कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में ‘सुरक्षित उत्तर प्रदेश’ का संकल्प सिद्ध हो रहा है और युवाओं के सपने साकार हो रहे हैं।
इससे पहले, शाह का रविवार को लखनऊ आगमन पर अमौसी हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री समेत कई प्रमुख नेताओं ने स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर अपने खाते से पोस्ट कर कहा, ‘‘संस्कृति, संस्कार एवं साहित्य की साधना स्थली लखनऊ की सृजनशील धरा पर माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह जी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।’’
शाह का उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी समेत कई प्रमुख नेताओं ने स्वागत किया।
भाषा आनन्द सलीम