इजराइल और ईरान के बीच तनाव और दुश्मनी का घटनाक्रम
एपी धीरज संतोष
- 15 Jun 2025, 04:43 PM
- Updated: 04:43 PM
दुबई, 15 जून (एपी) इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष के लंबे इतिहास में एक नया अध्याय तब शुरू हुआ जब इजराइल ने शुक्रवार तड़के ईरान की राजधानी तेहरान स्थित प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।
इजराइल ने दावा किया कि उसने परमाणु और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया, जिससे ईरान के शीर्ष सैन्य और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए।
इजराइल का यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रहा है और इसे लेकर क्षेत्र में तनाव है। इजराइल ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है।
इजराइल और ईरान की दुश्मनी से जुड़े प्रमुख घटनाक्रम इस प्रकार हैं:
1967 : ईरान ने अमेरिका के ‘‘शांति के लिए परमाणु’’ कार्यक्रम के तहत तेहरान अनुसंधान रिएक्टर को अपने नियंत्रण में लिया।
1979 : गंभीर रूप से बीमार शाह मोहम्मद रजा पहलवी ने जनता के भारी विरोध प्रदर्शन के बीच ईरान छोड़ा। पहलवी ने इजराइल के साथ आर्थिक और सुरक्षा संबंध बनाए रखे। हालांकि, पहलवी के देश छोड़ने के बाद अयातुल्ला रूहोल्लाह खामनेई तेहरान लौटे और इस्लामिक क्रांति से सत्ता पर काबिज हुए। छात्रों ने तेहरान स्थित अमेरिकी दूतावास पर कब्जा किया, लोगों को 444 दिनों तक बंधक बनाए रखा। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण ईरान का परमाणु कार्यक्रम ठप। इजराइल ने खामनेई शासन को बताया दुश्मन।
अगस्त 2002 : पश्चिमी खुफिया एजेंसियों और एक ईरानी विपक्षी समूह ने ईरान के गुप्त नातांज परमाणु संवर्धन केंद्र का खुलासा किया।
अगस्त 2003 : ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान के साथ परमाणु मुद्दे पर वार्ता शुरू की।
अक्टूबर 2003 : ईरान ने यूरेनियम को संवर्धित करने के लिए स्थगित किया।
फरवरी 2006 : ईरान ने घोषणा की कि वह कट्टरपंथी राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद के चुनाव के बाद यूरेनियम संवर्धन फिर से शुरू करेगा। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी रुकी हुई वार्ता से बाहर निकले।
जून 2009 : ईरान में अहमदीनेजाद दोबारा राष्ट्रपति निर्वाचित। उनके जीतने के खिलाफ शुरू ‘ग्रीन मूवमेंट’ को सरकार ने बलपूर्वक कुचला।
अक्टूबर 2009 : राष्ट्रपति बराक ओबामा के नेतृत्व में अमेरिका और ईरान ने ओमान सल्तनत की मध्यस्थता से गुप्त वार्ता शुरू की।
2010: स्टक्सनेट कंप्यूटर वायरस से ईरान के सेंट्रीफ्यूज को बाधित अथवा नष्ट किया गया। माना जाता है कि अमेरिका-इजराइल ने यह वायरस हमला किया था।
14 जुलाई 2015 :वैश्विक शक्तियों और ईरान ने एक दीर्घकालिक, व्यापक परमाणु समझौते की घोषणा की जिसमें आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को सीमित करने का प्रावधान था।
2018 : प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि उसे हजारों पन्नों का आंकड़ा मिला है जिससे साबित होता है कि ईरान ने 2015 के समझौते में परमाणु कार्यक्रम संबंधी तथ्यों को छिपाया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से हुए परमाणु समझौते से अलग होन की घोषणा की।
जुलाई 2020 : ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र का सेंट्रीफ्यूज उत्पादन इकाई रहस्यमयी धमाके से तबाह। ईरान ने इजराइल को जिम्मेदार ठहराया।
नवंबर : 2020 : ईरान के शीर्ष सैन्य परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह की तेहरान के बाहर हत्या की गई।
11 अप्रैल 2021 : ईरान के नतांज स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्र को निशाना बनाकर साइबर हमला किया जिसके कारण वहां की बिजली आपूर्ति बाधित हुई।
16 अप्रैल 2021 : ईरान ने यूरेनियम को 60 प्रतिशत के स्तर तक संवर्धित करना शुरू किया जबकि परमाणु हथियार के लिए 90 प्रतिशत संवर्धित यूरेनियम की जरूरत थी।
जून 2022 : ईरान ने इजराइल पर तीन दिन के भीतर दो परमाणु वैज्ञानिकों को जहर देकर मारे का आरोप लगाया।
सात अक्टूबर 2023 : गाजा पट्टी के हमास चरमपंथियों ने इजराइल पर हमला कर करीब 1,200 लोगों की हत्या की, 250 को बंधक बनाया। जवाब में इजराइल ने हमास से युद्ध की घोषणा की, ईरान ने चरमपंथी समूह का किया समर्थन।
14 फरवरी 2024 : इजराइल की कथित कार्रवाई में ईरान के पश्चिमी चहारमहल और बख्तियारी प्रांत से कैस्पियन सागर के शहरों तक जाने वाली प्राकृतिक गैस पाइपलाइन में कई धमाके हुए।
एक अप्रैल 2024 : इजराइल के हवाई हमले में सीरिया के दमिश्क में ईरान का वाणिज्य दूतावास ध्वस्त। दो ईरानी जनरलों सहित 16 लोग मारे गए।
14 अप्रैल 2024 : ईरान ने इजराइल पर अभूतपूर्व मिसाइल और ड्रोन हमला किया, दमिश्क में इजराइली हवाई हमले के जवाब में 300 से अधिक मिसाइलें और ड्रोन दागे। अधिकतर हमलों को इजराइल ने नाकाम किया।
19 अप्रैल 2024 : ईरान के इस्फ़हान में एक हवाई अड्डे के पास हवाई रक्षा प्रणाली पर संदिग्ध इजराइली हमला।
एक अक्टूबर 2024 : ईरान ने इजराइल पर अपना दूसरा सीधा हमला किया।
26 अक्टूबर 2024 : इजराइल ने पहली बार ईरान पर प्रत्यक्ष तौर पर घोषित हमला किया। उसकी वायु रक्षा प्रणालियों और मिसाइल कार्यक्रम से जुड़े स्थलों को निशाना बनाया।
13 जून 2025 : इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ढांचे पर हमले शुरू किये। देश में पहले से तस्करी करके लाए गए लड़ाकू विमानों और ड्रोन की मदद से हमले कर शीर्ष सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों की हत्या की।
14 जून 2025 : ईरान ने जवाब में इजराइल पर मिसाइलें दागी। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाया।
15 जून 2025 : इजराइल ने तीसरे दिन भी ईरान पर हवाई हमले जारी रखे व और भी अधिक ताकत से हमले करने की धमकी दी। ईरान की मिसाइलों से इजराइल को भी हुआ नुकसान।
एपी धीरज