आंतरिक आरक्षण: कर्नाटक के नागरिक केंद्रित सेवा केंद्रों पर अनुसूचित जाति सर्वेक्षण अभी रहेगा जारी
राजकुमार प्रशांत
- 08 Jun 2025, 07:50 PM
- Updated: 07:50 PM
बेंगलुरु, आठ जून (भाषा) कर्नाटक में अनुसूचित जातियों (एससी) के भीतर आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से अनुभवजन्य आंकड़े जुटाने के लिए किए जा रहे सर्वेक्षण को जारी रखने के लिए एक प्रावधान किया गया है। यह सर्वे नौ जून से 22 जून तक राज्य के 9,400 ‘नागरिक केंद्रित सेवा’ केंद्रों पर किया जाएगा। सर्वेक्षण से संबंधित आयोग ने यह जानकारी दी।
राज्य में अब भी 10 प्रतिशत सर्वेक्षण पूरा होना बाकी है तथा इसके लिए समय विस्तार का अनुरोध भी किया जा रहा है, ऐसे में इस बीच आयोग ने यह घोषणा की है। इस आयोग के प्रमुख कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश एच.एन. नागमोहन दास हैं। आयोग को अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण प्रदान करने के सिलसिले में सरकार को सिफारिश करने का जिम्मा सौपा गया है।
सात जून को जारी की गयी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘फिलहाल कर्नाटक में पांच अप्रैल से ‘अनुसूचित जातियों का व्यापक सर्वेक्षण-2025’ दो तरीकों-- विशेष शिविरों और ऑनलाइन स्व-घोषणाओं के माध्यम से किया जा रहा है। छह जून तक पूरे राज्य में कुल 90 प्रतिशत सर्वेक्षण हो चुका है।’’
यह विज्ञप्ति रविवार को मीडिया को उपलब्ध करायी गयी।
इसमें कहा गया है कि जाति सर्वेक्षण का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा अभी पूरा होना बाकी है। इसके अलावा, कुछ अनुसूचित जाति संगठनों ने एक बार फिर ज्ञापन देकर उक्त सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया है।
आयोग ने हालांकि कहा कि राज्य में स्कूलों के फिर से खुलने से सर्वेक्षण के लिए गणनाकार के रूप में नियुक्त शिक्षकों को सर्वेक्षण कार्य से मुक्त कर दिया गया है।
बयान में कहा गया है, ‘‘इस प्रकार, कर्नाटक में अनुसूचित जाति के उन परिवारों, जिन्होंने अभी तक अनुसूचित जाति सर्वेक्षण में अपना आंकड़ा जमा नहीं किया है, के लिए एससी जाति सर्वेक्षण को जारी रखने के लिए नौ जून से 22 जून तक मौजूदा 9,400 राज्य स्तरीय ‘नागरिक केंद्रित सेवा’ केंद्रों, जैसे ‘कर्नाटक वन‘, ‘बेंगलुरु वन’ और ‘ग्राम वन’ और 198 ‘बीबीएमपी वार्ड कार्यालयों’ पर जरूरी सूचनाएं जमा कराने का प्रावधान किया गया है।’’
अधिकारियों के अनुसार, 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में अनुसूचित जातियों की आबादी 1.04 करोड़ थी। वर्ष 2025 में अनुसूचित जातियों की अनुमानित आबादी 1.16 करोड़ होगी और इसमें से 1.05 करोड़ की गणना हो चुकी है।
पहले के सरकारी आदेशों और संबंधित शर्तों के अनुसार, आयोग को राज्य में शिक्षा और सरकारी सेवाओं में 101 अनुसूचित जातियों के प्रतिनिधित्व के बारे में अनुभवजन्य आंकड़े जुटाना है और अनुसूचित जातियों के आंतरिक आरक्षण (उप-वर्गीकरण) पर उपयुक्त सिफारिशों के साथ एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
भाषा राजकुमार