राहुल गांधी को फडणवीस का जवाब लोगों का ध्यान भटकाने का प्रयास: सपकाल
देवेंद्र दिलीप
- 08 Jun 2025, 06:34 PM
- Updated: 06:34 PM
मुंबई, आठ जून (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने रविवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा 2024 के राज्य विधानसभा चुनावों की निष्पक्षता पर राहुल गांधी के दावों का खंडन करने को ‘‘जनता का ध्यान भटकाने का एक प्रयास’’ करार दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को एक अखबार में प्रकाशित एक लेख और ‘एक्स’ पर पोस्ट साझा कर आरोप लगाया था कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव ‘‘लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट’’ था और यह ‘‘मैच फिक्सिंग’’ अब बिहार में भी दोहराई जाएगी।
गांधी के इन आरोपों के बाद फडणवीस ने रविवार को कहा कि कांग्रेस सांसद 2024 के राज्य विधानसभा चुनावों में हार पर आत्मावलोकन करने के बजाय ‘‘जनादेश को अस्वीकार कर रहे हैं, क्योंकि जनता ने उन्हें खारिज कर दिया है’’।
सपकाल ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में मतों की कथित चोरी के पीछे की सच्चाई को उजागर करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोकलिंगम और तत्कालीन अतिरिक्त सीईओ किरण कुलकर्णी की नार्को जांच कराई जानी चाहिए।
सपकाल ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक लेख में गांधी द्वारा उठाए गए सवालों पर निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा।
सपकाल ने कहा, ‘‘भाजपा और फडणवीस को मतों की चोरी से फायदा हुआ है। निर्वाचन आयोग को इस संबंध में जवाब देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि फडणवीस द्वारा दिया गया जवाब हास्यास्पद है और जनता का ध्यान भटकाने का एक प्रयास है।
फडणवीस ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित अपने एक लेख में कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी बिहार समेत आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें मिलने वाली हार के लिए बहाने तैयार कर रहे हैं।
गांधी के दावों के जवाब में फडणवीस ने अपने लेख में कहा कि कांग्रेस नेता लोकतांत्रिक प्रक्रिया और लोगों के जनादेश का लगातार ‘‘अपमान’’ कर रहे हैं।
निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए सपकाल ने कहा कि निर्वाचन आयोग ‘‘चुप’’ है, जबकि इसकी पारदर्शिता और निष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं।
सपकाल ने कहा कि फडणवीस ने निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों (कांग्रेस शासन के दौरान) का उल्लेख किया, लेकिन वह यह भूल गए कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी.एन. शेषन की नियुक्ति कांग्रेस के शासनकाल में हुई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘शेषन ने आदर्श आचार संहिता को पुनः परिभाषित किया। लेकिन नरेन्द्र मोदी के भाजपा युग में प्रधान न्यायाधीश को चयन समिति से हटा दिया गया और उनकी जगह एक केंद्रीय मंत्री को नियुक्त कर दिया गया।’’
गांधी द्वारा निर्वाचन आयोग से जवाब मांगे जाने के एक दिन बाद, आयोग के सूत्रों ने रविवार को कहा कि संवैधानिक निकाय तभी जवाब देगा, जब विपक्ष के नेता सीधे उसे पत्र लिखेंगे।
सपकाल ने कहा, ‘‘क्या निर्वाचन आयोग इस बात से इनकार कर रहा है कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है? कांग्रेस और राहुल गांधी द्वारा उठाए गए सवालों का आयोग की ओर से तथ्यात्मक और वस्तुनिष्ठ जवाब दिया जाना चाहिए।’’
भाषा
देवेंद्र