सरकार ने जानबूझकर छीनी अब्बास अंसारी की सदस्यता : अखिलेश यादव
सलीम आनन्द जितेंद्र जितेंद्र
- 06 Jun 2025, 07:15 PM
- Updated: 07:15 PM
लखनऊ, छह जून (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर मऊ क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता जानबूझकर छीनने का आरोप लगाया।
यादव ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए अदालत द्वारा दो वर्ष की सजा सुनाये जाने के बाद अंसारी की विधानसभा सदस्यता समाप्त किए जाने संबंधी सवाल के जवाब में कहा, “देखिए, अगर मैं ऐसा कुछ कहूंगा तो मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाएगा। अब्बास अंसारी की सदस्यता (विधानसभा की सदस्यता) जानबूझकर छीनी गई थी। सरकार ने जानबूझकर छीनी थी।”
अंसारी को नफरत भरा भाषण देने के मामले में सजा सुनाई गयी है।
सपा अध्यक्ष ने कहा, “अगर इन बयानों पर (सदन की) सदस्यता जा सकती है, तो सरकार में बैठे लोग क्या कह रहे हैं? क्या वे मुझे मेरे डीएनए की याद दिलाएंगे? क्या वे समाजवादियों से डीएनए के बारे में पूछेंगे? जिन लोगों ने डीएनए के बारे में कहा है उनकी सदस्यता न्यायाधीशों द्वारा क्यों नहीं छीनी जाती? जो लोग डीएनए पूछ रहे हैं, उनकी सदस्यता क्यों नहीं जा रही है?”
यादव ने मामले में जातिवादी पक्षपात का दावा करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि जाति के आधार पर फैसला लिया जाता है। कभी-कभी फैसला सुनाने के लिए कुछ लोगों को भेजा जाता है और तैनाती दी जाती है। इसलिए हम पहले दिन से ही कह रहे हैं कि संविधान को खतरा है। समाजवादियों की सदस्यता ही जा रही है। भाजपा के लोग जो बयान दे रहे हैं क्या उनकी सदस्यता कभी नहीं जाएगी?”
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के पुत्र और मऊ से सुभासपा के विधायक अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
अंसारी को 31 मई को सांसद-विधायक की विशेष अदालत ने 2022 के भड़काऊ भाषण मामले में सजा सुनाई है।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत किसी सदस्य को दो वर्ष या उससे अधिक की सजा सुनाए जाने पर सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान है।
अब्बास अंसारी, 2022 में समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे।
सुभासपा वर्तमान में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की सहयोगी है और पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर राज्य में कैबिनेट मंत्री हैं।
सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि जब पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की सरकार होगी, तभी जनगणना सही तरीके से होगी।
अखिलेश यादव ने बेंगलुरु में भगदड़ के लिए आयोजकों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई और कुंभ मेले में किसी पर गाज न गिरने के सवाल पर कहा, “उत्तर प्रदेश की जनता न केवल उन्हें निलंबित करेगी, बल्कि उन्हें हमेशा के लिए अलविदा कह देगी।”
प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (राजीव कृष्ण) की नियुक्ति के सवाल पर अखिलेश यादव ने आरोप लगाया, “पुलिस को भ्रष्ट बना दिया गया है। जब आप पुलिस का इस्तेमाल राजनीतिक लोगों को दबाने के लिए करेंगे, तो पुलिस भी अपनी मनमानी करेगी।”
उन्होंने सवाल किया, “पंचायत चुनाव होने वाले हैं। मान लीजिए कि अगर आप (जाहिर तौर पर सरकार की ओर इशारा करते हुए) पुलिस का इस्तेमाल विपक्ष पर दबाव बनाने, उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के लिए करते हैं, तो क्या आप इसके बाद पुलिस से निष्पक्ष तरीके से काम करने की उम्मीद कर सकते हैं?”
यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश वह राज्य है, जहां पुलिस पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर रही है और जब आप पुलिस से गलत काम, राजनीतिक काम करवाते हैं, तो आपके साथ भी गलत होगा।
सपा प्रमुख ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए यह भी कहा कि अगर कोई बिना मास्क पहने मोटरबोट या वाटर स्कूटर पर गोमती नदी के पूरे हिस्से (शहर में) की यात्रा करता है, तो उन्हें अंदाजा हो जाएगा कि वहां कितनी मीथेन, कितनी दुर्गंध है।
उन्होंने कहा, “भाजपा को कोई अच्छा काम पसंद नहीं है। वे हर अच्छे काम को खराब कर देते हैं। यह देश का सबसे अच्छा रिवरफ्रंट था और अगर किसी ने इसे खराब करने का काम किया है, तो वह भाजपा है।”
सपा प्रमुख ने कहा, “आज (शुक्रवार को) हम छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दिवस मना रहे हैं। यह हमें रास्ता दिखा रहा है कि कैसे हम धर्मनिरपेक्ष होकर, सभी को साथ लेकर और सभी का सम्मान करके समाज को मजबूत कर सकते हैं।”
भाषा सलीम आनन्द जितेंद्र