समय से पहले जन्मे बच्चों को दर्द से राहत के लिए सुक्रोज दिया जाता है लेकिन इससे विकास पर दीर्घकालिक प्रभाव नहीं रुकता
देवेंद्र प्रशांत
- 06 Jun 2025, 05:06 PM
- Updated: 05:06 PM
(मिया मैकलीन, ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी)
आकलैंड, छह जून (द कन्वरसेशन) समय से पूर्व जन्मे शिशुओं को नवजात शिशु गहन देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में कई सप्ताह या महीनों तक रखा जाता है, जबकि उनका अपरिपक्व मस्तिष्क अभी विकसित हो रहा होता है।
समयपूर्व (प्री मैच्योर) पैदा हुए शिशु ऐसा नवजात होता है, जिसका प्रसव गर्भावस्था के करीब 37 सप्ताह से पहले होता है।
इस दौरान, उन्हें हर दिन 16 दर्दनाक प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। सबसे आम प्रक्रिया है रक्त के नमूने लेने के लिये एड़ी में सूई चुभाना। शिशु के वायुमार्ग से अवरोध हटाने की प्रक्रिया भी आम है।
हालांकि इनमें से कई प्रक्रियाओं गंभीर देखभाल की जरूरत होती है, लेकिन हम जानते हैं कि ये बहुत पीड़ादायी हैं। यहां तक कि त्वचा से टेप को हटाना भी दर्दनाक हो सकता है।
समय से पूर्व जन्मे बच्चों में तीव्र दर्द को नियंत्रित करने की सबसे आम रणनीति उन्हें चीनी का घोल (सुक्रोज) देना है। लेकिन कनाडाई सहकर्मियों के साथ मेरे हाल के शोध से पता चलता है कि इससे इन दीर्घकालिक प्रभावों को रोका नहीं जा सकता है।
न्यूजीलैंड में, सभी प्रक्रियाओं या दर्द उपचारों का दस्तावेजीकरण करने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन जैसा कि हमारे कनाडाई अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है, हमें समय से पहले जन्मे बच्चों के लिए दीर्घकालिक स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए तत्काल शोध की आवश्यकता है।
प्रारंभिक जीवन में दर्द के दीर्घकालिक प्रभाव
हमने पूरे कनाडा में तीन एनआईसीयू से प्रक्रियाओं की संख्या, नैदानिक जोखिम और सुक्रोज खुराक पर आंकड़ा एकत्र किया।
इनमें से एक प्रक्रिया में तेज दर्द को रोकने के लिए सुक्रोज का इस्तेमाल नहीं किया गया। अठारह महीने की उम्र में, जब समय से पहले जन्मे बच्चों को आमतौर पर जांच के लिये देखा जाता है, तो माता-पिता अपने बच्चे के व्यवहार के बारे में बताते हैं।
हमारे निष्कर्ष में पहले के शोध के नतीजे मिले हैं। समय से बहुत पहले जन्मे बच्चों में उम्र बढ़ने के साथ अधिक चिंता और अवसाद के लक्षण देखे गये। हमें समय से पहले जन्मे बच्चों के बाद के व्यवहार और दर्द को नियंत्रित करने के लिए उन्हें कितनी मात्रा में सुक्रोज दिया गया, के बीच कोई संबंध नहीं मिला।
ऐसा माना जाता है कि सुक्रोज मस्तिष्क के उन हिस्सों को सक्रिय करता है जो दर्द को नियंत्रित करते हैं और एंडोर्फिन के स्राव को बढ़ावा देते हैं, लेकिन इसका सटीक तंत्र अभी भी स्पष्ट नहीं है।
दर्द के उपचार में सुधार
एओटेरोआ न्यूजीलैंड में हर साल लगभग 13 में से एक बच्चा समय से पहले पैदा होता है। लगभग 1-2 प्रतिशत बच्चे समय से बहुत पहले पैदा होते हैं, यानी दो से चार महीने पहले। माओरी और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों में इसका जोखिम अधिक है।
न्यूजीलैंड में किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों में भावनात्मक विकारों का खतरा तीन गुना तक होता है।
सुक्रोज समय से पहले जन्मे बच्चों में दर्द के लक्षण दिखने से रोक सकता है, लेकिन शारीरिक और तंत्रिका संबंधी दर्द प्रतिक्रियाएं फिर भी होती हैं।
न्यूजीलैंड में भी सुक्रोज का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अस्पतालों में इसके उपयोग के नियमों में काफी भिन्नता है। कोई राष्ट्रीय दिशा-निर्देश मौजूद नहीं हैं।
शिशु के दर्द का आकलन किया जाना चाहिए, लेकिन अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसा हमेशा नहीं होता है। इसके अलावा, दर्द का हमेशा प्रबंधन नहीं किया जाता है। दर्द प्रबंधन संबंधी दिशा-निर्देश भी सहायक होते हैं, लेकिन क्या इन बदलावों से दीर्घावधि में परिणाम बेहतर होंगे, यह हम अभी तक नहीं जानते।
हम जानते हैं कि नवजात शिशु के दर्द का इलाज करने और दीर्घकालिक प्रभावों को कम करने के अन्य तरीके भी हैं। इस संवेदनशील आबादी के अल्पकालिक और दीर्घकालिक फायदे के लिए कौन सी दर्द प्रबंधन रणनीतियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, यह समझना इन शिशुओं के जीवन में बड़ा अंतर ला सकता है।
(द कन्वरसेशन)
देवेंद्र