मप्र के मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन: कांग्रेस विधायक गिरफ्तार, बाद में रिहा
ब्रजेन्द्र सुरभि
- 16 May 2025, 10:08 PM
- Updated: 10:08 PM
भोपाल, 16 मई (भाषा) कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस विधायकों के एक समूह को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में फिर रिहा कर दिया गया।
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार के नेतृत्व में राजभवन के सामने धरने पर बैठे 15 विधायकों को रिहा करने से पहले यहां केंद्रीय कारागार परिसर ले जाया गया।
एमपी नगर इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त अक्षय चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इन लोगों को राजभवन के सामने बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएनएस) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
चौधरी ने बताया कि निजी मुचलका भरने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
रिहा होने के बाद सिंघार ने संवाददाताओं से कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निरंकुश हो गई है।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्वाचित प्रतिनिधि जनता की आवाज होते हैं। मीडिया ने भी शाह का यह मुद्दा उठाया है। भाजपा कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है? क्या भाजपा इसे सेना का अपमान नहीं मानती? क्या इसे महिलाओं के अपमान के रूप में नहीं देखा जाता? वह इस मुद्दे पर चुप क्यों है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तीन दिन हो गए हैं और शाह को अब तक बर्खास्त नहीं किया गया है। हम उनका इस्तीफा चाहते हैं और इसलिए हम सड़कों पर उतरे हैं।’’
सिंघार ने बताया कि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल से शाह को हटाने की मांग करते हुए राज्यपाल मंगूभाई पटेल को एक ज्ञापन भी सौंपा है।
मध्यप्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता और आदिम जाति कल्याण मंत्री शाह ने कर्नल कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कर्नल सोफिया को ‘‘आतंकवादियों की बहन’’ के रूप में पेश करने की कोशिश की थी।
उन्होंने सोमवार को इंदौर के पास रामकुंडा गांव में एक सभा को संबोधित करते हुए ये अपमानजनक टिप्पणियां की थीं।
इन टिप्पणियों के लिए शाह की व्यापक आलोचना हो रही है और विपक्षी दल कांग्रेस लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी शाह को मंत्रिमंडल से तत्काल बर्खास्त किए जाने की मांग की है।
शाह के बयानों का स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने पुलिस को मंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
कर्नल कुरैशी ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का विवरण नियमित पत्रकार वार्ताओं में साझा किया था। इन पत्रकार वार्ताओं में विदेश सचिव विक्रम मिसरी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी शामिल होते थे।
भाषा ब्रजेन्द्र