तालिबान शासित अफगानिस्तान का प्रतिनिधिमंडल रूस में व्यापार फोरम में शामिल हुआ
पारुल माधव
- 16 May 2025, 08:45 PM
- Updated: 08:45 PM
(विनय शुक्ला)
मॉस्को, 16 मई (भाषा) तालिबान शासित अफगानिस्तान के एक प्रतिनिधिमंडल के एक रूसी-अफगान व्यापार फोरम में पहली बार शामिल होने के बीच रूस के एक मंत्री ने शुक्रवार को कहा कि मॉस्को को काबुल के साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग की संभावनाएं दिखाई देती हैं।
तालिबान का एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल रूस में मुस्लिम बहुल तातारस्तान की राजधानी काजान में 13 से 18 मई तक आयोजित होने वाले 16वें ‘रूस-इस्लामिक वर्ल्ड : काजान फोरम’ के तहत रूसी-अफगान व्यापार फोरम में हिस्सा ले रहा है।
यह घटनाक्रम रूस के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश में आतंकवादी संगठन घोषित तालिबान को प्रतिबंधित सूची से हटाए जाने के कुछ हफ्तों बाद हुआ है।
विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, रूस को उम्मीद है कि काबुल की सत्ता पर काबिज तालिबान सरकार अपने प्रतिनिधित्व के लिए मॉस्को में एक नये अफगान राजदूत की नियुक्ति कर सकती है।
प्रथम उप उद्योग और व्यापार मंत्री वासिली ओस्माकोव ने सरकारी समाचार एजेंसी तास को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि रूस को अफगानिस्तान के साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग की संभावनाएं दिखाई देती हैं, क्योंकि देश में प्रचुर संसाधन और रसद क्षमता है।
ओस्माकोव ने कहा, “यह स्पष्ट है कि देश (अफगानिस्तान) बहुत कठिन स्थिति में है, लेकिन साथ ही इसके पास संसाधनों की अद्भुत उपलब्धता है। यह विभिन्न संसाधनों से लैस एक पहाड़ी देश है। इसके अलावा, इसकी रसद क्षमता भी अद्भुत है, क्योंकि अफगानिस्तान प्राचीन काल से लेकर मौजूदा समय तक, हमेशा एक व्यापार मार्ग रहा है और ‘रेशम मार्ग’ भी इससे होकर गुजरता था।”
मंत्री ने कहा कि रूस के इस्लामी दुनिया के साथ पारंपरिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान जैसे मध्य एशियाई देशों के साथ साझेदारी काफी बढ़ाई जा चुकी है।
रूस के सर्वोच्च न्यायालय ने अफगानिस्तान में सत्तारूढ़ तालिबान पर देश में दो दशक से अधिक समय से लागू प्रतिबंध 17 अप्रैल हटा दिया था, जिससे मॉस्को और काबुल के बीच आधिकारिक संबंधों की स्थापना का रास्ता साफ हो गया था।
रूस ने 2003 में तालिबान को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया था। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की पूर्ण वापसी के बाद तालिबान ने काबुल की सत्ता अपने हाथों में ले ली थी।
इस बीच, एक अधिकारी ने उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया क्षेत्र में रूस के बढ़ते संबंधों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मॉस्को ने मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ मजबूत रिश्ते कायम कर लिए हैं, जबकि सऊदी अरब से सहयोग भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
अधिकारी ने कहा, “ओमान एक बहुत ही आकर्षक और दिलचस्प देश है। ये ‘नये अरब अमीरात’ हैं, जैसा कि कभी-कभी कहा जाता है। उत्तरी अफ्रीका में अल्जीरिया भी एक आकर्षक स्थल है, जिसके साथ हमने सहयोग कायम किया है।”
उन्होंने कहा, “ईरान और तुर्किये भी बड़े व्यापारिक भागीदार हैं। तुर्किये हमारे व्यापार के लिए सबसे महत्वपूर्ण आपूर्ति शृंखला केंद्रों में से एक है।”
भाषा पारुल