हमारी कार्रवाई तो बस एक ‘ट्रेलर’ थी, जरूरत पड़ने पर पूरी ‘पिक्चर’ दिखाएंगे: राजनाथ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कहा
देवेंद्र प्रशांत
- 16 May 2025, 07:04 PM
- Updated: 07:04 PM
(तस्वीरों के साथ)
भुज (गुजरात), 16 मई (भाषा) भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को दी जाने वाली एक अरब डॉलर की सहायता पर शुक्रवार को पुनर्विचार करने का आग्रह किया और कहा कि इस्लामाबाद इस सहायता का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए कर सकता है।
गुजरात के भुज वायुसेना स्टेशन पर वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में ‘ब्रह्मोस’ सुपरसोनिक मिसाइल के इस्तेमाल की पुष्टि की और कहा कि इस हथियार ने पाकिस्तान को ‘‘रात के अंधेरे में दिन का उजाला’’ दिखा दिया है।
पाकिस्तान को स्पष्ट और कड़ा संदेश देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन अभी समाप्त नहीं हुआ है, क्योंकि मौजूदा ‘संघर्षविराम’ का मतलब है कि भारत ने पाकिस्तान को उसके बर्ताव के आधार पर ‘‘परिवीक्षा’’ पर रखा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि उसका बर्ताव सुधरता है, तब तो ठीक और यदि कोई गड़बड़ी करता है, तो उसे कड़ा दंड दिया जाएगा।’’
सिंह ने कहा, ‘‘हमारी कार्रवाई तो बस एक ट्रेलर थी, अगर जरूरत पड़ी तो हम पूरी पिक्चर भी दिखाएंगे। आतंकवाद पर हमला करना और उसे खत्म करना नये भारत का ‘न्यू नॉर्मल’ है।’’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने सात मई की सुबह पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ढांचे नष्ट कर दिए थे।
इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया गया जिसके बाद भारत की तरफ से की गयी जवाबी कार्रवाई में उसके कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा। चार दिन तक चले टकराव के बाद 10 मई को दोनों पक्षों के बीच संघर्ष रोकने पर सहमति बनी थी।
अपने संबोधन में सिंह ने कहा कि पाकिस्तान पिछले सप्ताह भारत द्वारा नष्ट किए गए आतंकी ढांचे को फिर से खड़ा करने की कोशिश में लग गया है और इस्लामाबाद ‘‘पाकिस्तान के आम नागरिकों से एकत्र की गई राशि को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादी मसूद अजहर को लगभग 14 करोड़ रुपये देने में खर्च करेगा।’’
वायु सेना का यह अड्डा उन सैन्य बुनियादी ढांचे में से एक है जिसे पाकिस्तान ने चार दिन तक जारी सैन्य संघर्ष के दौरान निशाना बनाया था।
सिंह ने कहा कि भारत नहीं चाहता कि वह जो धन आईएमएफ को देता है उसका इस्तेमाल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान या किसी अन्य देश में आतंकवादी बुनियादी ढांचा तैयार करने में किया जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि आज के समय में पाकिस्तान को किसी भी तरह की वित्तीय सहायता आतंकवाद के वित्तपोषण से कम नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत चाहता है कि आईएमएफ पाकिस्तान को दी गई एक अरब डॉलर की सहायता पर पुनर्विचार करे और भविष्य में किसी भी प्रकार की सहायता देने से परहेज करे।’’
सिंह ने कहा, ‘‘पाकिस्तान सरकार ने मुरीदके और बहावलपुर में स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ढांचे के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा की है।’’
पाकिस्तान और पीओके में आतंकी शिविरों को मात्र 23 मिनट में नष्ट करने वाले वायु सैनिकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जब दुश्मन के इलाके में मिसाइल गिराई गईं, तो दुनिया ने भारत की वीरता और पराक्रम की गूंज सुनी।’’
सिंह ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत के सशस्त्र बल न केवल दुश्मन पर हावी रहे बल्कि उन्हें नेस्तनाबूद करने में भी सफलता पाई।
सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के लड़ाकू विमान सीमा पार किए बिना पाकिस्तान के हर कोने पर हमला करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया ने देखा है कि कैसे भारतीय वायुसेना ने आतंकी शिविरों और बाद में पाकिस्तान के एयरबेस को नष्ट कर दिया। भारतीय वायुसेना ने यह साबित कर दिया है कि भारत की युद्ध नीति और तकनीक बदल गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने ‘न्यू इंडिया’ का संदेश दिया कि हम सिर्फ विदेशों से आयातित हथियारों और प्लेटफार्म पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि भारत में निर्मित उपकरण हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन गए हैं। भारत में निर्मित हथियार अभेद्य भी हैं।’’
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान ने स्वयं ‘ब्रह्मोस’ मिसाइल की ताकत को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि भारत में निर्मित इस मिसाइल ने पाकिस्तान को रात के अंधेरे में दिन का उजाला दिखा दिया। उन्होंने कहा कि आकाश मिसाइल प्रणाली समेत भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने इसमें जबरदस्त भूमिका निभाई है।
बृहस्पतिवार को श्रीनगर में भारतीय सेना के बहादुर जवानों और शुक्रवार को भुज में वायु सैनिकों के साथ अपनी बातचीत के दौरान सिंह ने कहा कि वह पूरी तरह से आश्वस्त हैं कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने दोनों मोर्चों पर सैनिकों में जबरदस्त उत्साह और देशभक्ति देखी है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हमारे बलों ने जो किया, उससे पूरा देश गौरवान्वित है।’’
भाषा
देवेंद्र