न्यूजीलैंड की संसद हाका नृत्य कर विरोध जताने वाले माओरी सांसदों पर अस्थायी प्रतिबंध लगाएगी
एपी आशीष अविनाश
- 14 May 2025, 07:52 PM
- Updated: 07:52 PM
वेलिंगटन, 14 मई (एपी) न्यूजीलैंड में माओरी पार्टी के तीन सांसदों के संसद में प्रवेश पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया जाएगा और उनकी कड़ी निंदा की जाएगी। इन सांसदों ने अपने विरोधियों को चुनौती देने के लिए हाका नृत्य कर प्रस्तावित कानून का विरोध किया था।
संसद की एक समिति ने इन दंडों की सिफारिश की, जिन्हें न्यूजीलैंड के सांसदों को दिया गया अब तक का सबसे कठोर दंड माना जा रहा है। आदेश में कहा गया है कि तीनों के कार्यों से अन्य सांसद भयभीत हो सकते थे और यह कदम संसद की अवमानना के समान है। बृहस्पतिवार को सभी सांसदों की बैठक के दौरान मतदान के बाद उनके अस्थायी निलंबन पर मुहर लगने की संभावना है।
इस निर्णय का अर्थ है कि वर्तमान में न्यूजीलैंड की सबसे युवा सांसद 22 वर्षीय हाना-रावहिती मैपी-क्लार्क को संसद से सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। वहीं, उनकी पार्टी के अन्य नेताओं राविरी वेटीटी और डेबी नगारेवा-पैकर पर 21 दिनों का प्रतिबंध लगाया जाएगा।
निलंबन के दौरान उन्हें वेतन नहीं मिलेगा। यह निर्णय एक विधेयक पर जारी विवाद में नवीनतम मोड़ है, जिसे अब खारिज कर दिया गया है। विधेयक के बारे में विरोधियों का कहना था कि यह न्यूजीलैंड के मूल निवासियों, माओरी के लिए नुकसानदेह है।
माओरी सांसदों को क्यों निलंबित किया गया?
पिछले साल नवंबर में सांसदों के हाका नृत्य करने का वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया था और यह वैश्विक समाचारों की सुर्खियों में भी रहा था। जिस विधेयक का उन्होंने विरोध किया था, वह अप्रैल में दूसरे मतदान में गिर गया।
हालांकि, मध्य-दक्षिणपंथी सरकार के कुछ सांसदों ने पहले मतदान के दौरान माओरी पार्टी के सांसदों के विरोध पर आपत्ति जताई और संसद के अध्यक्ष से शिकायत की। तीनों हाका नृत्य करते हुए सदन में विरोधियों की ओर गए थे।
निलंबित सांसदों ने क्या प्रतिक्रिया दी? अप्रैल में बुलाए जाने पर तीनों सांसद समिति के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, क्योंकि उनका कहना था कि न्यूजीलैंड की संसद माओरी सांस्कृतिक प्रोटोकॉल का सम्मान नहीं करती है और उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलेगा।
प्रस्तावित कानून पर विरोध को क्यों भड़का?
वैटांगी संधि विधेयक के विवादास्पद प्रावधानों में न्यूजीलैंड की स्थापना से संबंधित दस्तावेज को फिर से परिभाषित करने का प्रस्ताव था, जो न्यूजीलैंड के उपनिवेशीकरण के दौरान ब्रिटिश क्राउन और माओरी आदिवासी नेताओं के बीच 1840 का समझौता था।
एपी आशीष