अमेरिका से अवैध प्रवासियों के निर्वासन के बाद पूछताछ में मानव तस्करी का भी पता चला: नित्यानंद राय
मनीषा माधव
- 19 Mar 2025, 04:52 PM
- Updated: 04:52 PM
नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) सरकार ने बुधवार को कहा कि अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को निर्वासित किए जाने के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की पूछताछ में मानव तस्करी के कुछ मामलों का पता चला है।
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह भी कहा कि इसमें शामिल एजेंटों और साजिशकर्ताओं के खिलाफ एनआईए मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के तहत उठाए गए कठोर कदमों के कारण आज देश में आतंकी गतिविधियों में 71 फीसदी की कमी आई है। उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प के साथ आतंकवाद का समूल नाश किया जाएगा और आतंकवादी या तो जेल जाएंगे या जहन्नुम में।
उनसे पूछा गया था कि एनआईए अधिनियम में 2019 में संशोधन किए जाने के बाद जांच एजेंसी को क्या उपलब्धियां हासिल हुई हैं।
राय ने बताया कि एनआईए ने पिछले दिनों में जिन मामलों की जांच की तो कई में देखा गया कि आरोपी देश के बाहर हैं। उन्होंने कहा ‘‘ऐसे मामलों की जांच और इन लोगों पर कार्रवाई एनआईए नहीं कर सकती थी क्योंकि यह उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर था। इसलिए 2019 में एनआईए अधिनियम में संशोधन कर एजेंसी के कार्यक्षेत्र को बढ़ाया गया।’’
उन्होंने बताया कि संशोधन के तहत एनआईए को गोला बारूद के इस्तेमाल, मानव तस्करी, साइबर आतंकवाद से संबंधित अपराध का और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत जांच का अधिकार भी दिया गया। यह एनआईए के क्षेत्राधिकार में विस्तार करने से संभव हुआ।
उन्होंने कहा ‘‘संशोधन कर एनआईए अधिनियम को मजबूत बनाया गया।’’
राय ने बताया कि अधिनियम में संशोधन के बाद एनआईए को उपलब्धियां भी हासिल हुईं। उन्होंने बताया ‘‘2019 में संशोधन से इसके अधिकार क्षेत्र में वृद्धि हुई। इससे ओटावा के भारतीय उच्चायोगों में हमलो, सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास पर हमले सहित ऐसे छह मामलों की जांच कर रही है जिसमें भारत के बाहर आतंकी घटनाएं हुई हैं। मानव तस्वरी के 23 बम विस्फोट के 23 और साइबर अपराध के एक मामले की भी एनआईए जांच कर रही है।
मंत्री ने कहा कि अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को निर्वासित किए जाने के बाद एनआईए ने जो पूछताछ की उसमें मानव तस्करी के भी मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें शामिल एजेंटों और साजिशकर्ताओं के खिलाफ एनआईए मामला दर्जकर जांच कर रही है।
उन्होंने बताया कि एनआईए ने स्थापना के बाद से अब तक (12 मार्च 2025 तक) कुल 652 मामले दर्ज किए हैं जिनमें से 157 मामलों में फैसला सुनाया गया है, 150 मामलों में दोषसिद्धि हुई है और 516 मामलों में आरोप पत्र दायर किए जा चुके हैं।
राय ने यह भी बताया कि एनआईए द्वारा दर्ज किए गए 652 मामलों में अब तक 4,232 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें से 625 आरोपी दोषी साबित हुए हैं।
राय ने पूरक प्रश्नों के जवाब में यह भी बताया कि एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत कुल 551 संपत्तियों को जब्त या कुर्क किया है जिनकी कीमत 116.27 करोड़ रुपये है। इनमें चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां शामिल हैं।
उन्होंने कहा ‘‘आतंकवाद के खिलाफ नरेन्द्र मोदी सरकार की नीति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की है। सरकार की कठोर कार्रवाइयों के कारण आतंकवाद में कमी आई है। कानूनों को कठोर बनाया गया। कानूनी ढांचों को मजबूत किया गया। सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों के बीच समन्वय बढ़ाया गया। बहु एजेंसी सेंटर को पुन:गठित किया गया। राज्यों में विशेष बलों का गठन किया गया। सुरक्षा बलों का आधुनिकीकरण किया गया। आतंकवाद की आर्थिक रीढ़ तोड़ी गई है। और भी कदम उठाए गए हैं।’’
राय ने बताया कि गहन जांच के बाद गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 57 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया गया है, नौ संगठन को आतंकी संगठन घोषित किया गया तथा 23 संगठनों को गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा ‘‘पहले आतंकवादियों का महिमामंडन होता था और उन्हें लजीज व्यंजन दिए जाते थे लेकिन आज आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के तहत जो कार्रवाई की जा रही है उसकी वजह से देश में आतंकी गतिविधियों में 71 फीसदी की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प के साथ आतंकवाद का समूल नाश किया जाएगा और आतंकवादी या तो जेल में जाएंगे या जहन्नुम में।
भाकपा के संदोष कुमार पी के पूरक प्रश्न के उत्तर में राय ने कहा कि एनआईए अपना काम तत्परता से कर रही है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी पर मनगढ़ंत आरोप वह लोग लगा रहे हैं जिन्हें आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई से कहीं न कहीं कोई समस्या हो रही है।
उन्होंने कहा कि 2008 के मुंबई हमले की जांच एएनआई ने की लेकिन ऐसी जांच के दौरान कई अवरोध पैदा होते हैं क्योंकि आतंकियों के तार विदेशों से जुड़े हैं। ‘‘ इसीलिए जांच में रुकावट आती थी। एनआईए अधिनियम में संशोधन कर इसका दायरा बढ़ाया गया ताकि आतंकवादी मामलों की गहन जांच हो सके।’’
भाषा
मनीषा