कोहली ने दौरों पर परिवार के साथ रहने की वकालत की, कमरे में जाकर अकेले बैठना नहीं चाहता
नमिता मोना
- 16 Mar 2025, 03:25 PM
- Updated: 03:25 PM
बेंगलुरू, 16 मार्च (भाषा) स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने टीम के दौरों पर खिलाड़ियों के परिवारों की मौजूदगी का समर्थन करते हुए कहा कि वह अपने होटल के कमरे में अकेले उदास रहने के बजाय मैदान पर मुश्किल और तनावपूर्ण दिनों से निपटने के लिए हमेशा अपने पास व्यक्तिगत समर्थन रखना पसंद करेंगे।
भारत को ऑस्ट्रेलिया से टेस्ट श्रृंखला में मिली 1-3 की हार के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा जारी निर्देश में 45 दिन से अधिक के दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार के साथ समय बिताने की सीमा 14 दिन तक सीमित कर दी थी।
इसके अनुसार खिलाड़ियों की पत्नी, बच्चे या महिला मित्र छोटे दौरों पर अधिकतम एक हफ्ते तक उनके साथ रह सकते हैं।
हाल में खत्म हुई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान कोहली, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी के परिवार दुबई में थे लेकिन वे टीम होटल में नहीं रुके और परिवारों के ठहरने का खर्च खिलाड़ियों ने उठाया, बीसीसीआई ने नहीं।
कोहली ने शनिवार को यहां खत्म हुए आरसीबी के ‘इनोवेशन लैब’ सम्मेलन के दौरान कहा, ‘‘लोगों को परिवार की भूमिका समझाना बहुत मुश्किल है। हर बार जब आप किसी तनावपूर्ण स्थिति में होते तो अपने परिवार के पास वापस आना कितना महत्वपूर्ण होता है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को इसकी अहमियत की समझ है। ’’
कोहली ने कहा कि परिवार के साथ होने से खिलाड़ी को मैदान पर मिली निराशा से जल्दी उबरने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने कमरे में जाकर अकेले बैठकर उदास नहीं रहना चाहता। मैं सामान्य होना चाहता हूं। तभी आप अपने खेल को एक जिम्मेदारी के रूप में ले सकते हैं। ’’
कोहली ने कहा, ‘‘आप बाहर की अपनी प्रतिबद्धता पूरी करते हैं और फिर आप अपने घर वापस आते हैं, आप परिवार के साथ होते हैं और आपके घर में माहौल बिलकुल सामान्य होता होती है और सामान्य पारिवारिक जीवन चलता रहता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मेरे लिए यह बहुत खुशी का दिन होता है। जब भी संभव होता है, मैं अपने परिवार के साथ बाहर जाने और समय बिताने का कोई अवसर नहीं छोड़ता। ’’
कोहली ने इस बात से निराश थे क्योंकि ऐसे मुद्दों से जिसका कोई संबंध भी नहीं था, वो लोग भी इन चर्चाओं में शामिल रहे हैं।
इस 36 साल के खिलाड़ी ने कह, ‘‘मुझे इससे बहुत निराशा हुई क्योंकि जिनका इस मामले में कोई लेना देना नहीं था, उन्हें भी चर्चा में शामिल किया गया जिन्होंने कहा, ‘ओह, शायद खिलाड़ियों को परिवार से दूर रखा जाना चाहिए'। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘और अगर आप किसी खिलाड़ी से पूछें कि क्या आप चाहते हैं कि आपका परिवार हर समय आपके आस-पास रहे? तो वे ‘हां’ ही कहेंगे। ’’
दुनिया के सबसे फिट क्रिकेटरों में से एक कोहली ने अपने परिवार के साथ मजबूत रिश्तों की बात बताते हुए कहा कि अपनी मां को अपने फिटनेस रूटीन के बारे में समझाना मुश्किल था।
उन्होंने कहा, ‘‘टीम के दृष्टिकोण से फिटनेस के लिए ‘सपोर्ट सिस्टम’ इतना कठिन नहीं था। लेकिन मेरी मां को यह समझाना इससे कहीं ज्यादा मुश्किल था कि मैं क्या कर रहा था। वह इस बात से बहुत निराश थीं कि मैं कोई परांठा नहीं खा रहा था और मैं मैदान पर दुबला दिख रहा था। ’’
कोहली ने कहा, ‘‘और दूसरे देशों में खेलने वाले लोग मुझसे पूछ रहे थे कि मैं कैसे ट्रेनिंग कर रहा हूं और मैं अब इतना फिट कैसे हूं। और मेरी मां मुझे कह रही थी कि मैं दुबला दिख रहा हूं। मुझे उन्हें समझाना पड़ा कि सब कुछ ठीक है, मैं बीमार नहीं हूं, चिंता मत करो। यह ज्यादा मुश्किल था। ’’
भाषा नमिता