यूक्रेन में 30 दिन के संघर्ष विराम के अमेरिकी प्रस्ताव से रूस सैद्धांतिक रूप से सहमत : पुतिन
एपी सुभाष माधव
- 13 Mar 2025, 10:22 PM
- Updated: 10:22 PM
मॉस्को, 13 मार्च (एपी) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह यूक्रेन में 30 दिन के संघर्ष विराम से जुड़े अमेरिकी प्रस्ताव से सैद्धांतिक रूप में सहमत हैं, लेकिन इसकी शर्तों पर काम करने की जरूरत है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इससे स्थायी शांति बहाल होगी।
पुतिन ने मॉस्को में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘इसलिए यह विचार अपने आप में सही है। हम निश्चित रूप से इसका समर्थन करते हैं। लेकिन ऐसे मुद्दे हैं जिन पर हमें चर्चा करने की आवश्यकता है और मुझे लगता है कि हमें अपने अमेरिकी सहयोगियों और साझेदारों के साथ इस पर चर्चा करने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने संघर्ष विराम के संभावित उल्लंघनों को रोकने के लिए एक तंत्र विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एक अन्य मुद्दा यह है कि क्या यूक्रेन 30-दिवसीय संघर्ष विराम का उपयोग लामबंदी और पुनः शस्त्रीकरण जारी रखने के लिए कर सकेगा।
पुतिन ने कहा, ‘‘हम लड़ाई रोकने के प्रस्तावों से सहमत हैं, लेकिन हम इस धारणा के साथ आगे बढ़ते हैं कि संघर्ष विराम से स्थायी शांति आएगी और संकट के मूल कारणों को दूर किया जाएगा।’’
पुतिन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अमेरिका ने यूक्रेन को संघर्ष विराम स्वीकार करने के लिए राजी किया, लेकिन युद्ध के मैदान में स्थिति के कारण यूक्रेन इसमें रुचि रखता है।
उन्होंने कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले यूक्रेनी सैनिकों को आगामी दिनों में पूरी तरह से रोक दिया जाएगा।
कुर्स्क में यूक्रेनी सैनिकों की मौजूदगी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘क्या वहां मौजूद सभी लोग बिना किसी लड़ाई के बाहर आ जाएंगे?’’
पुतिन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ‘‘यूक्रेन से जुड़े समझौते पर इतना ध्यान देने के लिए’’ धन्यवाद दिया।
उन्होंने चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं को भी धन्यवाद दिया।
रूस ने कहा है कि वह किसी भी संभावित संघर्ष विराम की निगरानी के लिए नाटो के किसी भी सदस्य देश से शांति सैनिकों को स्वीकार नहीं करेगा।
इससे पहले, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के एक दूत वाशिंगटन द्वारा प्रस्तावित 30 दिवसीय संघर्ष विराम पर वार्ता के लिए बृहस्पतिवार को मास्को पहुंचे, लेकिन एक वरिष्ठ रूसी अधिकारी ने कहा कि इस पहल से केवल यूक्रेन को ही लाभ होगा, क्योंकि इसकी थकी हुई और कम संख्या वाली सेना को इससे कुछ आराम मिल जाएगा।
संघर्ष विराम के प्रस्ताव को यूक्रेन ने स्वीकार कर लिया है।
यह कूटनीतिक प्रयास रूस के इस दावे के बीच किया गया है कि उसके सैनिकों ने रूसी कुर्स्क सीमा क्षेत्र के एक प्रमुख शहर से यूक्रेनी सेना को खदेड़ दिया है, जहां से मास्को सात महीने से यूक्रेनी सैनिकों को हटाने का प्रयास कर रहा था।
अमेरिका के एक अधिकारी ने ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के आगमन की पुष्टि की।
रूसी रक्षा मंत्रालय का दावा है कि उसने कुर्स्क में यूक्रेनी परिचालन केंद्र सुदज़ा शहर पर फिर से कब्ज़ा कर लिया है, यह दावा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा कुर्स्क में अपने कमांडरों से मिलने के कुछ घंटों बाद किया गया। हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है। वहीं, यूक्रेनी अधिकारियों ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।
रूसी सेना का फिर से आना और पुतिन का अपने सैनिकों से मिलने का हाई-प्रोफाइल दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब ट्रंप युद्ध का कूटनीतिक तरीके से अंत चाहते हैं, जो तीन साल पहले रूसी आक्रमण के साथ शुरू हुआ था।
अमेरिका ने मंगलवार को कीव के लिए 3 मार्च को सैन्य सहायता पर रोक हटा ली, क्योंकि वरिष्ठ अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों ने सऊदी अरब में बातचीत के दौरान लड़ाई को रोकने के तरीके पर प्रगति की सूचना दी थी।
ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि ‘‘अब यह रूस पर निर्भर है’’ क्योंकि उनका प्रशासन मॉस्को पर संघर्ष विराम के लिए सहमत होने का दबाव बना रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति ने रूस को परोक्ष रूप से धमकी दी थी कि अगर वह शांति प्रयासों में शामिल नहीं होता है तो वह उस पर नए प्रतिबंध लगाएंगे।
वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि रूस अगले कुछ दिनों में यूक्रेन पर हमले बंद कर देगा।
पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने बृहस्पतिवार को टेलीविजन पर अपनी टिप्पणी में कहा कि युद्ध विराम से ‘‘यूक्रेनी सेना को अस्थायी रूप से राहत मिलेगी।"
बाद में, रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ में पत्रकारों से बात करते हुए पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने कहा कि प्रस्तावित संघर्ष विराम से ‘‘हमें कुछ नहीं मिलेगा।’’
उन्होंने कहा कि इससे ‘‘केवल यूक्रेनियों को फिर से संगठित होने, अपनी सेना को मजबूत करने और भविष्य में भी ऐसा ही करने का मौका मिलेगा।’’
एपी सुभाष