सूर्यगढ़ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में विकसित होंगे तीन हेरिटेज होटल
राजकुमार अजय
- 12 Mar 2025, 08:35 PM
- Updated: 08:35 PM
लखनऊ, 12 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर इमारतों को नया स्वरूप देने के साथ ही उसके पुराने वैभव को लौटाने के प्रयासों के तहत राजधानी लखनऊ में स्थित रोशन-उद-दौला, छतर मंजिल और मिर्जापुर जिले में चुनार किले के विकास के लिए बुधवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये।
यह एमओयू पर्यटन विभाग और गोल्डन ट्रायंगल फोर्ट एंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड के साथ हुआ है। लखनऊ में स्थित रोशन-उद-दौला, छतर मंजिल और मिर्जापुर जिले में चुनार किले को सूर्यगढ़ जैसलमेर की तर्ज पर हेरिटेज होटल की रूप में विकसित किया जाएगा।
राज्य सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि तीनों ऐतिहासिक इमारतों को गोल्डन ट्रायंगल, राजस्थान को निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) के तहत पर विकसित करने के लिए दिया गया है।
उन्होंने बताया कि जैसलमेर में सूर्यागढ़, बीकानेर में नरेंद्र भवन और बिनसर में मैरी बुडेन एस्टेट का संचालन करने वाली गोल्डन ट्रायंगल फोर्ट एंड पैलेस की आतिथ्य इकाई ब्रांड सूर्यागढ़ कलेक्शन अब इन विरासत स्थलों की रूपरेखा तैयार करने, विकसित करने और प्रबंधन का कार्य करेगी।
सिंह ने बताया कि खास बात यह कि इन ऐतिहासिक इमारतों को उसके पुराने स्वरूप में रखते हुए विकास किया जाएगा। पुनरुद्धार का तरीका इतिहास और लोककथाओं के शोध से निकलेगा, जिस पर कल्पना की परत जोड़ी जाएगी।
उन्होंने बताया कि विभाग की इस पहल से उत्तर प्रदेश में विरासत पर्यटन के साथ-साथ डेस्टिनेशन वेडिंग को बढ़ावा मिलेगा। संपत्ति के विकास और संचालन में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जाएगा। इसके साथ ही एक जिला एक उत्पाद से जुड़े उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। स्थानीय परंपराओं, पाक-कला, उत्सवों और शिल्प को बढ़ावा देने वाले अनुभव विकसित किए जाएंगे। विरासत संपत्तियों के नजदीक स्थित एक-एक गांव को गोद लेकर वहां का विकास किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में किले, राजमहल और कोठियां हैं। विभाग का प्रयास इन्हें उपयोगी बनाकर पर्यटकों को आकर्षित करना है। पर्यटन विभाग 'विकास भी, विरासत भी' के मूलमंत्र को आगे बढ़ा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब हेरिटेज टूरिज्म विकसित करने का हमारा प्रयास है। पीपीपी मॉडल के तहत आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेश के धरोहर स्थल, किले, हवेलियां, हॉन्टेड प्लेसेज, कोठी आदि धरोहरों को विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन की सुविधाजनक नीतियां हैं, जो विकास का आधार बनेंगी। विभाग का लक्ष्य इन्हें उपयोगी बनाकर पर्यटकों को आकर्षित करना है।"
भाषा सलीम
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