नीतीश भांग पीकर आते हैं विधानपरिषद में:राबड़ी देवी
राजकुमार
- 12 Mar 2025, 08:27 PM
- Updated: 08:27 PM
पटना, 12 मार्च (भाषा) बिहार विधानपरिषद में बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रतिपक्ष की नेता राबड़ी देवी के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
नोकझोंक के बाद अन्य विपक्षी सदस्यों के साथ सदन के मुख्य द्वार पर धरना देने पहुंचीं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ‘भंगेड़ी’ हैं और भांग पीकर सदन में आते हैं।
राबड़ी के धरने के समय वहां मौजूद उनके बेटे एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘मुझे नीतीश जी पर तरस और दया आती है कि वह इस पडाव पर पहुंच गए हैं कि हम लोगों को उनके लिए कामना करना पड़ रहा है कि भगवान उनके स्वास्थ्य को ठीक रखें।’’
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा,‘‘ बार-बार सदन में इस तरह की बोली और हरकतें यह दर्शाती हैं कि उनकी स्थिति सामान्य नहीं है। मुझे लगता है कि नीतीश कुमार जी को स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए ।’’
राजद नेता ने कुमार पर हमला जारी रखते हुए कहा, ‘‘वह इतने डरपोक मुख्यमंत्री हैं कि जब सरकार बदलती है तो सबसे पहले वह स्वयं इस्तीफा देते हैं, किसी को हटाते नहीं है।’’
बिहार विधानपरिषद में यह समस्या तब शुरू हुई जब राजद की सहयोगी भाकपा (माले) की सदस्य शशि यादव सदन के समक्ष यह कहने के लिए अपनी कुर्सी से खड़ी हुईं कि वह अपने प्रश्न का सरकार द्वारा दिये गए उत्तर से संतुष्ट नहीं हैं।
विधानपरिषद के सदस्य कुमार ने अपनी सीट बैठे-बैठे ही यह टिप्पणी की कि ‘‘सरकार बहुत कुछ कर रही है। पिछली सरकारों ने कुछ नहीं किया।’’
कुमार के जवाब से असंतुष्ट राबड़ी देवी ने हस्तक्षेप करते हुए उनसे कहा कि आप दावा करते हैं कि आपके कार्यभार संभालने से पहले कोई काम नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, ‘‘कृपया उस अवधि के रिकॉर्ड तलब करें। आप बेहतर तौर पर समझ जाएंगे।’’
राबड़ी देवी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘आपके अनुसार, 2005 से पहले, जब आप मुख्यमंत्री बने, महिलाएं अच्छे कपड़े भी नहीं पहनती थीं।’’
राबड़ी का यह इशारा सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष द्वारा हाल के दिनों में एक से अधिक बार की गई उन टिप्पणियों की ओर था, जब वह महिलाओं को सशक्त बनाने के अपने प्रयास को रेखांकित करने की कोशिश कर रहे थे।
हालांकि, कुमार अपनी बात पर अड़े रहे और उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनका रवैया महिलाओं के प्रति असम्मानजनक रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महिलाओं को पहले कभी इतना सम्मान नहीं मिला जितना अब मिल रहा है।’’
उन्होंने राबड़ी देवी की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘उन्होंने महिलाओं के लिए क्या किया। उनके पति ने उन्हें ही तब मुख्यमंत्री बनाया जब वह मुश्किल में थे।’’
राबड़ी देवी पहली बार 1997 में उस समय मुख्यमंत्री बनी थीं, जब चारा घोटाले में सीबीआई द्वारा आरोपपत्र दाखिल किए जाने के बाद उनके पति लालू प्रसाद को इस्तीफा देना पड़ा था।
इस तीखी नोकझोंक के कारण सभापति अवधेश नारायण सिंह अपनी सीट से खड़े हुए और विपक्ष से सदन चलने देने की अपील की।
हालांकि राबड़ी देवी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य सदन से बाहर चले गए। पर कुमार ने अपना भाषण जारी रखते हुए राजद पर जातिगत समानता के कारण हिंदू-मुस्लिम दंगों के अपराधियों के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने राजद के साथ दो बार गठबंधन करने पर खेद भी जताया और कहा, ‘‘मैं अपने पुराने सहयोगियों (भाजपा) के साथ वापस आ गया हूं। अब हम साथ रहेंगे और अपना अच्छा काम जारी रखेंगे।’’
सदन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए राबड़ी देवी ने आरोप लगाया, ‘‘नीतीश कुमार भंगेड़ी हैं और भांग पीकर सदन में आते हैं। वह महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। आज उन्होंने दूसरी बार मेरा अपमान किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री भाजपा की गोद में बैठे हैं, जिसके गुप्तचर उनके विश्वासपात्र हैं। हमने सदन से बहिर्गमन किया है और जब तक नीतीश कुमार महिलाओं का अपमान करना बंद नहीं करते, हम सदन का बहिष्कार करेंगे।’’
इस अवसर पर तेजस्वी ने कहा, ‘‘नीतीश जी मेरी मां के माथे पर लगी बिंदी को देखकर इशारे करते हैं। मैंने उन्हें अपनी महिला मंत्रियों और विधायकों को भी इसी तरह इशारा करते देखा है। महिलाओं की मौजूदगी में वह अपना नियंत्रण खो देते हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए और शायद आश्रम बनाकर प्रवचन देने में अपना समय व्यतीत करना चाहिए।’’
भाषा अनवर