यमुना नदी पर रिवर फ्रंट बनाने का काम 3-4 वर्षो में पूरा होने की संभावना: शेखावत
दीपक नरेश
- 12 Mar 2025, 07:57 PM
- Updated: 07:57 PM
(दीपक रंजन)
नदी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने यमुना की सफाई के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए बुधवार को कहा कि नदी जल को निर्मल एवं इसके प्रवाह को अविरल बनाने सहित रिवर फ्रंट का विकास कार्य तीन .चार साल में पूरा होने की संभावना है।
शेखावत ने ‘पीटीआई वीडियो’ से साक्षात्कार में कहा, ‘‘ यमुना नदी के कुल प्रवाह मार्ग का केवल दो प्रतिशत हिस्सा दिल्ली से गुजरता है जो करीब 22-23 किलोमीटर है। लेकिन इस नदी में कुल प्रदूषण का 98 प्रतिशत योगदान दिल्ली का है। यमुना नदी में औसतन प्रतिदिन 3500 एमएलडी जलमल, और अनुपचारित पानी छोड़ा जाता है।’’
उन्होंने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए दिल्ली में एशिया का सबसे बड़ा जलमल शोधन संयंत्र (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) शुरू करने की योजना बनाई गई थी।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती दिल्ली सरकार की उदासीनता के कारण इसमें देरी हुई लेकिन अब इसके आने वाले तीन-चार साल में पूरा होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार यमुना नदी पर वर्तमान जलमल शोधन आधारभूत ढांचे को बेहतर बनाने पर भी काम कर रही है। अगर हम जलमल को पानी में जाने से रोक पाते हैं, तो यह हमारी पहली सफलता होगी।
गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि यमुना नदी पर कोई बांध नहीं था और इसे देखते हुए इसके तहत तीन बांध बनाने की योजना पर काम शुरू किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनमें से दो परियोजनाओं के लिए निविदाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है और तीसरी प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि 3-4 वर्ष में बांध बनाने का कार्य पूरा हो जायेगा।
शेखावत ने कहा कि एक बार जब स्रोत पर पर्याप्त जल भंडारण हो जाएगा और जलमल का इसमें प्रवाह बंद हो जायेगा तो नदी जल की गुणवत्ता सुधर जाएगी जिससे प्रदूषण की समस्या भी हल हो जाएगी।
दिल्ली में यमुना नदी पर रिवर फ्रंट बनाने की योजना पर गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा,‘‘नदी के तट पर रिवर फ्रंट बनाने का काम 3-4 वर्षो में साकार हो सकेगा।’’
यमुना की साफ सफाई के नाम पर कई हजार करोड़ रुपये बहा देने के बावजूद दिल्ली में यह नदी एक गंदे नाले के रूप में दिखती है। दिल्ली में यमुना नदी की सफाई के लिए 32 साल पहले यमुना एक्शन प्लान लाया गया था जिसे तीन चरणों में चलाया गया लेकिन इस योजना का कोई खास फायदा नहीं नजर आया।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में यमुना नदी में प्रदूषण का मुद्दा काफी अहम रहा था।
भाषा दीपक