न्यायालय ने सुकेश चंद्रशेखर की याचिका को ‘कानून का दुरुपयोग’ बताया
शोभना नरेश
- 18 Feb 2025, 02:20 PM
- Updated: 02:20 PM
नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर की वह याचिका मंगलवार को खारिज कर दी जिसमें उसने खुद को राष्ट्रीय राजधानी की मंडोली जेल से पंजाब और दिल्ली के अलावा किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने कहा कि चंद्रशेखर की ओर से पूर्व में दायर की गई इसी तरह की याचिकाओं को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था।
पीठ ने चंद्रशेखर से कहा कि उसकी शिकायत दिल्ली सरकार के खिलाफ थी और अब शासन बदल जाने से शिकायत भी समाप्त हो जाती है।
पीठ ने कहा,‘‘ आपके पास खर्च करने के लिए धन है तो आप मौके ले रहे हैं। यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। आप एक ही तरह की याचिकाएं कैसे दायर करते रह सकते हैं।’’
पीठ ने कहा, ‘‘ हम संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। हमने मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है। हालांकि हम यह कहने से खुद को नहीं रोक सकते कि वर्तमान याचिकाकर्ता ने बदली हुई परिस्थितियों की आड़ में एक के बाद एक रिट दायर करके कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिश की है।’’
चंद्रशेखर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शोएब आलम ने कहा कि याचिकाकर्ता को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत यह अधिकार प्राप्त है कि उसे उसके परिवार से अलग न रखा जाए।
उन्होंने चंद्रशेखर को कर्नाटक या उसके निकट किसी जेल में भेजने का अनुरोध किया।
पीठ ने कहा, ‘‘ हम समाज और उसकी सुरक्षा को लेकर भी चिंतित हैं। आपके मौलिक अधिकारों को दूसरों की कीमत पर लागू नहीं किया जा सकता। देखिए आपने अधिकारियों के खिलाफ किस तरह के आरोप लगाए हैं।’’
उच्चतम न्यायालय ने चंद्रशेखर की याचिका पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा था।
चंद्रशेखर ने दावा किया था कि उस पर अपनी शिकायतें वापस लेने का दबाव बनाने के लिए दो कैमरों से निगरानी की गई।
उसके वकील ने तर्क दिया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने चंद्रशेखर की शिकायत पर पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
चंद्रशेखर ने अपनी याचिका में कहा, ‘‘ कृपया करके मुझे पंजाब और दिल्ली को छोड़कर देश में कहीं भी भेज दीजिए जहां आम आदमी पार्टी नहीं है।’’
शीर्ष अदालत ने पिछले साल चंद्रशेखर और उसकी पत्नी की याचिका खारिज कर दी थी जिसमें सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताते हुए उन्हें मंडोली जेल से दिल्ली के बाहर किसी जेल में स्थानांतरित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने कहा था कि याचिका में कोई आधार नहीं है और उन्हें छूट देने का कोई औचित्य नहीं है।
चंद्रशेखर ने जैन पर 10 करोड़ रुपये की "सुरक्षा राशि" वसूलने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि उसने आप को लगभग 50 करोड़ रुपये का चंदा दिया है।
भाषा शोभना