ओडिशा : छात्रावास में मृत पाई गई नेपाली छात्रा, संस्थान परिसर में तनाव
आशीष रंजन
- 17 Feb 2025, 11:15 PM
- Updated: 11:15 PM
भुवनेश्वर/काठमांडू, 17 फरवरी (भाषा) ओडिशा में एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज की बीटेक तृतीय वर्ष की नेपाली छात्रा ने अपने छात्रावास में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। संस्थान में तनाव के बाद सोमवार को नेपाल के छात्रों के एक समूह को परिसर से बाहर निकाल दिया गया।
छात्रा की पहचान नेपाल की प्रकृति लामसाल के रूप में हुई है। ‘कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी’ (केआईआईटी) के रजिस्ट्रार ने बताया कि लामसाल संस्थान में बीटेक तृतीय वर्ष की छात्रा थी।
सूत्रों ने बताया कि परिसर में स्थिति बिगड़ने पर केआईआईटी अधिकारियों ने कुछ नेपाली छात्रों को छात्रावास से कथित तौर पर निकाल दिया और उनकी यात्रा की कोई व्यवस्था किए बिना उन्हें कटक रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया।
कुछ छात्रों ने दावा किया, ‘‘हमारे पास भोजन, पानी या रेल टिकट खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं।’’ कई छात्र आरक्षित टिकट नहीं मिल पाने के कारण पुरी-पटना एक्सप्रेस ट्रेन में सामान्य डिब्बे में चढ़ गए।
हालांकि, नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के दखल के बाद, परिसर से बाहर किए गए छात्रों को कुछ राहत मिली।
ओली ने फेसबुक पर नेपाली भाषा में लिखा, ‘‘मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से हमारे संज्ञान में आया है कि ओडिशा में केआईआईटी के एक छात्रावास में एक नेपाली छात्रा की मौत हो गई है और नेपाली छात्रों को जबरन बाहर निकाल दिया गया। सरकार इस मामले पर कूटनीतिक माध्यम से काम कर रही है और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है।’’
ओली के दखल के बाद, केआईआईटी अधिकारियों ने नेपाली छात्रों से परिसर में लौटने की अपील की। केआईआईटी ने कहा, ‘‘हमारे सभी नेपाली छात्रों से अपील की जाती है कि वे वापस लौटें और कक्षाओं में शामिल हों।’’
ओली ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘नयी दिल्ली स्थित हमारे दूतावास ने ओडिशा में प्रभावित नेपाली छात्रों की काउंसलिंग के लिए दो अधिकारियों को भेजा है। इसके अतिरिक्त, यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की गई है कि उनके पास अपनी पसंद के आधार पर या तो अपने छात्रावास में रहने या घर लौटने का विकल्प हो।’’
नेपाल की विदेश मंत्री आरजू राणा देउबा ने कहा कि घटना के संबंध में कूटनीतिक पहल की जा रही है।
बाद में, एक अलग बयान में, दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास ने कहा कि केआईआईटी ने आश्वासन दिया है कि वह विश्वविद्यालय छात्रावास में नेपाली छात्रों के ठहरने की व्यवस्था करेगा तथा उनके शैक्षणिक नुकसान की भरपाई करेगा।
दूतावास ने कहा कि वह भारत सरकार और ओडिशा के मुख्यमंत्री कार्यालय के संपर्क में है तथा घटना के संबंध में अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है।
इससे पहले, छात्रा के चचेरे भाई ने भुवनेश्वर में इन्फोसिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी बहन ने रविवार को अपने छात्रावास के कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। उन्होंने दावा किया कि विश्वविद्यालय का एक छात्र उनकी बहन को ‘ब्लैकमेल’ कर रहा था, जिसके कारण उनकी बहन ने आत्महत्या कर ली।
केआईआईटी ने बयान में कहा, ‘‘बीटेक तृतीय वर्ष में पढ़ने वाली नेपाल की छात्रा ने रविवार को छात्रावास में आत्महत्या कर ली। बताया जाता है कि छात्रा केआईआईटी में ही पढ़ने वाले एक अन्य छात्र से प्रेम करती थी...।’’
केआईआईटी ने कहा कि घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई।
भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) पिनाक मिश्रा ने कहा, ‘‘हमने इन्फोसिटी थाने में एक छात्र के खिलाफ छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। आरोपी छात्र पुलिस हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने छात्रा का मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य गैजेट जब्त कर लिए हैं। हम मामले की जांच कर रहे हैं।’’
पुलिस सूत्रों ने बताया कि केआईआईटी के आरोपी छात्र को रविवार को शहर से भागने की कोशिश करते समय बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पकड़ लिया गया।
नेपाली छात्रा की मौत की सूचना के बाद नेपाल के कई छात्र रविवार रात केआईआईटी परिसर में एकत्र हुए और न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
तनाव बढ़ने पर केआईआईटी के अधिकारियों ने आक्रोशित विदेशी छात्रों के साथ बातचीत की। केआईआईटी ने बयान में कहा था, ‘‘स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेपाल के छात्रों को उनके घर भेज दिया गया। फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है।’’
नेपाली छात्रों को छात्रावास से निकाले जाने के संबंध में केआईआईटी ने स्पष्टीकरण में कहा कि समझाने बुझाने के बावजूद कुछ प्रदर्शनकारी विश्वविद्यालय प्रशासन की बात नहीं मान रहे थे। केआईआईटी ने कहा कि लगातार व्यवधान से कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गई।
परिसर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की दो टुकड़ियां (एक टुकड़ी में 30 जवान) तैनात की गई हैं।
इस बीच, अन्य राज्यों के छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्हें विश्वविद्यालय के निजी सुरक्षा गार्ड द्वारा छात्रावास से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही।
छात्रों और सुरक्षा गार्डों के बीच धक्का-मुक्की का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है लेकिन ‘पीटीआई-भाषा’ इस वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता। एक अन्य वीडियो में, विश्वविद्यालय की कुछ महिला अधिकारियों को लड़कियों से यह कहते हुए सुना गया, ‘‘अपना सामान समेटो और तुरंत छात्रावास छोड़ दो।’’
केआईआईटी अधिकारियों ने छात्रों के उन आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि उन्हें छात्रावास से बाहर जाने की अनुमति नहीं थी।
भाषा आशीष