भाजपा ने आतिशी के ‘गैरजिम्मेदाराना बयान’ के लिए आलोचना की
प्रीति वैभव
- 17 Feb 2025, 10:26 PM
- Updated: 10:26 PM
नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री होने के बावजूद ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ बयान देने के लिए आतिशी की सोमवार को आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने बार-बार मुख्यमंत्री पद की गरिमा को कम किया है।
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि आतिशी अपनी ही पार्टी (‘आप’) में स्वीकार्यता हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि अगर आतिशी को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया तो आम आदमी पार्टी (आप) के ऐसे कई वरिष्ठ विधायक हैं जो यह स्वीकार नहीं करेंगे।
सचदेवा ने मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के कार्यकाल पर कटाक्ष करते हुए याद किया कि कैसे उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह के दौरान अपने बराबर में एक खाली कुर्सी रखी थी और कैसे ‘आप’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने बार-बार उन्हें ‘‘अस्थायी मुख्यमंत्री’’ करार दिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि इन कार्यों से मुख्यमंत्री पद की गरिमा कम हुई है।
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री पद को लेकर आतिशी की चिंता पर भी सवाल उठाया और कहा कि जब पांच महीने तक केजरीवाल जेल में थे और यह पद खाली रहा था तो जब आतिशी ने इस बारे में कोई सवाल क्यों नहीं उठाया था।
सचदेवा ने कहा, ‘‘आतिशी मार्लेना को यह बताना चाहिए कि क्या यह सच है कि मतीन अहमद, गोपाल राय, संजीव झा, कुलदीप कुमार और जरनैल सिंह जैसे कई बार के विधायक उन्हें (आतिशी) नेता प्रतिपक्ष के तौर पर स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं।’’
उन्होंने आतिशी पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद का दुरुपयोग कर भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों पर दिल्ली में बिजली कटौती और लूटपाट सहित निराधार आरोप लगाने का इलजाम लगाया।
आप की वरिष्ठ नेता एवं दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने आज प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा पर राष्ट्रीय राजधानी में शासन के लिए एक विश्वसनीय नेता की कमी का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव परिणाम घोषित हुए दस दिन हो चुके हैं। लोगों को लगा था कि भाजपा नौ फरवरी को अपने मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल की घोषणा करेगी और तुरंत विकास कार्य शुरू कर देगी। लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि उनके पास दिल्ली में शासन के लिए कोई चेहरा नहीं है।’’
हाल में संपन्न 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 48 सीट हासिल की, जबकि आप ने 22 सीट जीतीं। पांच फरवरी को मतदान के बाद आठ फरवरी को चुनाव परिणाम घोषित किए गए।
भाजपा की जीत ने राष्ट्रीय राजधानी में आप के एक दशक के शासन को समाप्त कर दिया। 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 70 में से 62 सीट जीती थीं, जबकि भाजपा सिर्फ आठ सीट जीत पाई थी।
भाषा
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