जिला बार संघों के चुनाव में महिला उम्मीदवारों की पात्रता पर न्यायालय ने आदेश संशोधित किया
वैभव नरेश
- 17 Feb 2025, 08:26 PM
- Updated: 08:26 PM
नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली के जिला बार संघों में महिला उम्मीदवारों के लिए पात्रता मानदंड से संबंधित अपने पहले के आदेश को स्पष्ट करते हुए कहा कि इसमें अनुभव और युवाओं का मिश्रण होना चाहिए।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने 7 जनवरी के अपने आदेश को संशोधित किया और कहा कि कोषाध्यक्ष का पद, जो महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है, संबंधित बार एसोसिएशन के उपनियमों में निहित मानदंडों को पूरा करने वालों द्वारा भरा जा सकता है।
उसने इस तथ्य को संज्ञान में लिया कि कड़कड़डूमा जिला न्यायालय बार एसोसिएशन में कोषाध्यक्ष पद के लिए आवेदन करने वाली महिला उम्मीदवारों के पास बार में लगभग तीन-चार साल का अनुभव है।
पीठ ने कहा, ‘‘एक नए विधि स्नातक को पेशे को समझने में दो से तीन साल लगते हैं। इन उम्मीदवारों को इस स्तर पर राजनीति नहीं, बल्कि वकालत करनी चाहिए।’’
इससे पहले पीठ को यह जानकारी दी गई कि कोषाध्यक्ष पद के लिए आवेदन करने वालों में से कई के पास बार में पांच साल से कम का अनुभव है।
पीठ ने कार्यकारी समिति में 30 प्रतिशत सीटों के अपने आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि 15 प्रतिशत सीटें उन महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होंगी, जिन्हें बार में कम से कम 10 साल का अनुभव है और 15 प्रतिशत सीटें उन लोगों के लिए आरक्षित होंगी, जिन्हें 10 साल से कम का अनुभव है।
उसने उम्मीदवारों को दिल्ली के जिला बार संघों में आगामी चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए कुछ और समय दिया।
सात जनवरी को, पीठ ने कहा कि सभी जिला बार संघों में महिला उम्मीदवारों के लिए निर्धारित कोषाध्यक्ष पद के लिए, 10 साल के अभ्यास की कोई पात्रता शर्त नहीं है।
उसने कहा था, ‘‘प्रत्येक जिला बार संघ में कार्यकारी सदस्यों के कुल पदों में से 30 प्रतिशत पद उन महिला उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किए गए हैं, जिनके पास कम से कम 10 साल का अनुभव है।’’
अदालत ने आगे कहा था कि इन 30 प्रतिशत पदों में उक्त बार संघ में महिला उम्मीदवारों के लिए पहले से आरक्षित कार्यकारी सदस्यों के पद, यदि कोई हों, शामिल होंगे।
उसने कहा था, ‘‘दूसरे शब्दों में, कुल आरक्षण फिलहाल 30 प्रतिशत होगा।’’
पिछले साल 19 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (डीएचसीबीए) में कोषाध्यक्ष का पद आगामी चुनाव में विशेष रूप से महिला उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किया जाएगा।
भाषा वैभव