स्टेशन पर ‘रोक क्षेत्र’ क्षेत्र, भीड़ प्रबंधन नियम : वैष्णव ने अप्रिय घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाए
पारुल माधव
- 17 Feb 2025, 08:11 PM
- Updated: 08:11 PM
नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को कहा कि रेलवे अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए जो उपाय कर रहा है, उनमें यात्रियों की अधिक भीड़ का सामना करने वाले 60 स्टेशन पर ‘रोक’ क्षेत्र बनाना, एक अलग भीड़ प्रबंधन नियमावली तैयार करना और लोगों को सीढ़ियों पर न बैठने के लिए जागरूक करना शामिल है।
ये उपाय नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीते शनिवार हुई भगदड़ की घटना के मद्देनजर किए जा रहे हैं, जिसमें 18 यात्रियों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
यहां रेल भवन में संवाददाताओं से मुखातिब वैष्णव ने कहा कि रेलवे ने ऐसे 60 स्टेशन की पहचान की है, जहां आमतौर पर यात्रियों की अधिक भीड़ देखने को मिलती है। उन्होंने बताया कि इन स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के लिए स्थायी या अस्थायी ‘रोक’ क्षेत्र बनाने का फैसला किया गया है।
रेल मंत्री ने कहा, “यात्रियों के प्रवाह को प्रबंधित करने के लिए ‘रोक’ क्षेत्र बनाने के वास्ते नयी दिल्ली, पटना, सूरत, बेंगलुरु, कोयंबटूर सहित 60 स्टेशन को चिन्हित किया गया है। यात्रियों को ट्रेन के प्रस्थान के समय के अनुसार प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी, ताकि स्टेशन क्षेत्र में ज्यादा भीड़ न इकट्ठी हो।”
उन्होंने प्रयागराज के विभिन्न रेलवे स्टेशन का उदाहरण दिया, जहां महाकुंभ मेले के दौरान इस तरह के ‘रोक’ क्षेत्र बनाए गए हैं और यात्रियों के आवागमन को सफलतापूर्वक नियंत्रित किया गया है।
वैष्णव ने कहा कि सभी मौजूदा प्रावधानों को मिलाकर एक अलग भीड़ प्रबंधन नियमावली बनाई जाएगी और त्योहारों एवं खास मौकों के दौरान यात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की जाएगी।
उन्होंने कहा, “हमें भीड़ प्रबंधन के लिए एक व्यापक नियमावली बनानी होगी।”
अधिकारियों के मुताबिक, मौजूदा भीड़ प्रबंधन मानदंड मजबूत एवं प्रभावी हैं, लेकिन ये रेलवे के विभिन्न परिपत्रों और संचार में दर्ज हैं, जिन्हें नियमावली के रूप में एक स्थान पर लाने से बहुत मदद मिलेगी।
वैष्णव के अनुसार, यात्रियों के बीच यह जागरूकता फैलाने से नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ जैसी घटनाओं को रोकने में भी बड़ी मदद मिल सकती है कि वे सीढ़ियों पर या किसी ऐसे स्थान पर न बैठें, जिससे अन्य यात्रियों की मुक्त आवाजाही में बाधा उत्पन्न होती हो।
उन्होंने कहा, “हम सीढ़ियों पर बैठने के लिए यात्रियों पर जुर्माना नहीं लगा सकते। इसे रोकने का एकमात्र तरीका मीडिया के माध्यम से यह जागरूकता पैदा करना है कि इससे अन्य यात्रियों की आवश्यक आवाजाही बाधित हो सकती है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या शनिवार की भगदड़ के लिए अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है, वैष्णव ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट आने तक कोई भी कार्रवाई करना प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ होगा।
समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिए दी गई समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर रेल मंत्री ने कहा कि कोई समय-सीमा तय नहीं की गई है, क्योंकि इससे समिति के सदस्यों पर अनावश्यक दबाव पड़ेगा।
भाषा पारुल