भगदड़ रोकने के लिए तत्काल उपाय को लेकर उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर
आशीष नरेश
- 17 Feb 2025, 07:54 PM
- Updated: 07:54 PM
नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की घटना के दो दिन बाद सोमवार को उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के संबंध में तत्काल कार्रवाई के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में केंद्र और अन्य प्राधिकारों को ‘‘कार्यक्रमों और विभिन्न स्थानों पर भीड़ के प्रबंधन’’ के संबंध में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की 2014 की रिपोर्ट के कार्यान्वयन और विचार के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है।
याचिका में कहा गया है, ‘‘सभी प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाए कि वे केंद्र और राज्यों के साथ समन्वय करें और एक विशेषज्ञ समिति गठित कर तालमेल से काम करें, जो भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश और उपाय बताएगी।’’
याचिका में रेलवे को निर्देश देने का अनुरोध किया गया कि वह रेलवे स्टेशन और प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए, जैसे कि गलियारों को चौड़ा करना, बड़े ओवर-ब्रिज और प्लेटफॉर्म का निर्माण करना, रैंप और एस्केलेटर के माध्यम से प्लेटफॉर्म तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना, व्यस्त समय के दौरान ट्रेन के आगमन या प्रस्थान प्लेटफॉर्म में किसी भी तरह के बदलाव से बचने को भी कहा गया है।
याचिका में कहा गया है कि आधुनिक प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों की उपलब्धता के बावजूद भगदड़ की घटनाएं हो रही हैं, जो तैयारियों और सार्वजनिक सुरक्षा उपायों में विफलता को दर्शाती है।
याचिका में सुरक्षा प्रयासों में खामियों की भी आलोचना की गई तथा सवाल उठाया गया कि अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा के लिए उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी और खुफिया सूचनाओं की मदद ली जाती है, जबकि आम नागरिक का कोई ध्यान नहीं रखा जाता।
याचिका में रेलवे सहित अन्य प्राधिकारों को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के संबंध में वस्तुस्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को लेकर भी निर्देश देने का अनुरोध किया गया।
याचिका में कहा गया है कि शनिवार रात को भगदड़ से पहले स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 12 और 14 पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्रियों की भीड़ बढ़ गई थी। प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है।
भाषा आशीष