सीमा शुल्क विभाग ने अदालत से कहा, कर मांग के कारण फॉक्सवैगन इकाई की खेप नहीं रोकी जाएगी
पाण्डेय अजय
- 17 Feb 2025, 06:40 PM
- Updated: 06:40 PM
मुंबई, 17 फरवरी (भाषा) सीमा शुल्क विभाग ने बंबई उच्च न्यायालय को बताया है कि 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर की कर मांग के कारण स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया की किसी भी खेप को न तो रोका गया है और न ही रोका जाएगा।
सीमा शुल्क विभाग ने सोमवार को अदालत को बताया कि जर्मनी की कंपनी को सितंबर, 2024 में 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर का कर नोटिस भेजने के कारण उसकी किसी भी खेप को नहीं रोका गया है और न ही रोका जाएगा।
कंपनी ने पिछले महीने अदालत में एक याचिका दायर कर नोटिस को चुनौती दी थी और इसे ‘‘मनमाना और अवैध’’ करार दिया था।
कर अधिकारियों ने इस कंपनी पर लगभग 1.4 अरब डॉलर की कथित सीमा शुल्क धोखाधड़ी के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। सीमा शुल्क धोखाधड़ी उन कारों पर लागू होती है, जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर देश में लाया जाता है।
सीकेडी इकाई का मतलब है कि किसी कार को अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर आयात किया जाए और फिर देश के भीतर असेंबलिंग कर एक कार तैयार कर दी जाए।
फॉक्सवैगन समूह ने कथित तौर पर भारत में ऑडी, फॉक्सवैगन और स्कोडा जैसे विभिन्न ब्रांड के तहत कई ऐसे मॉडल की बिक्री की है, जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर आयात किया गया और भारत में असेंबल किया गया।
न्यायमूर्ति बी पी कोलाबावाला और न्यायमूर्ति फिरदौस पूनीवाला की खंडपीठ ने सोमवार को मामले की विस्तृत सुनवाई की और कहा कि वह 20 फरवरी को सुनवाई जारी रखेंगे।
पीठ ने सवाल किया कि क्या होगा यदि कंपनी एक कलपुर्जे को छोड़कर कार के सभी कलपुर्जों को आयात करती है और फिर कहती है कि वे केवल कलपुर्जे हैं और सीकेडी इकाई नहीं हैं।
न्यायमूर्ति कोलाबावाला ने कहा, ‘‘आप (याचिकाकर्ता) एक को छोड़कर सभी कलपुर्जों को लाते हैं - मान लीजिए गियर बॉक्स। आप अभी भी कलपुर्जे के दायरे में आएंगे और कम दर पर आयात शुल्क जमा करेंगे। यह सिर्फ चतुराई से किया गया कर नियोजन है।''
उन्होंने कहा, ‘‘भले ही आप (याचिकाकर्ता कंपनी) गियर बॉक्स और इंजन को छोड़कर सभी हिस्सों को एक ही साथ आयात करें, फिर भी आप सीकेडी इकाई कलपुर्जें के अंतर्गत नहीं आएंगे।''
सीमा शुल्क विभाग की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमण ने अदालत को बताया कि वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय एजेंसी ने आज तक जर्मनी की कार विनिर्माता की किसी भी खेप को नहीं रोका है और आगे भी ऐसा नहीं करेगी। पीठ ने बयान को स्वीकार कर लिया।
स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कारण बताओ नोटिस को अवैध और मनमाना बताते हुए इसे रद्द करने की अपील की।
उन्होंने तर्क दिया कि 2011 से 2024 तक कंपनी के बिलों का भुगतान करने के बाद अधिकारी अब 2024 में इतनी अधिक राशि की मांग नहीं कर सकते।
दातार ने कहा कि कंपनी कारों के अलग-अलग हिस्सों का आयात कर रही है, न कि ‘पूरी तरह से तैयार’ इकाई (सीकेडी) का, जैसा कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने दावा किया है।
भाषा पाण्डेय