शिवराज शहरी क्षेत्रों के भू-अभिलेख बनाने, अद्यतन करने लिए कल ‘नक्शा’ कार्यक्रम शुरू करेंगे
पारुल माधव
- 17 Feb 2025, 06:36 PM
- Updated: 06:36 PM
नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को मध्य प्रदेश के रायसेन में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान-आधारित शहरी आवास भूमि सर्वेक्षण (नक्शा) नामक पायलट कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे, जिसके तहत 26 राज्यों और तीन केंद्र-शासित प्रदेशों के 152 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में शहरी बस्तियों के भू-अभिलेख बनाने और उन्हें अद्यतन करने का काम किया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के भूमि संसाधन विभाग ने इस पायलट कार्यक्रम की शुरुआत की है। ‘नक्शा’ कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में भू-अभिलेख बनाना और उन्हें अद्यतन करना है, ताकि भूमि स्वामित्व का सटीक और विश्वसनीय दस्तावेजीकरण सुनिश्चित किया जा सके।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा कि इस पहल से नागरिक सशक्त होंगे, जीवनयापन आसान होगा, शहरी नियोजन में सुधार आएगा और भूमि संबंधी विवादों में कमी आएगी।
मंत्रालय ने कहा, “भू-अभिलेख बनाने और उन्हें अद्यतन करने के लिए आईटी-आधारित प्रणाली का इस्तेमाल पारदर्शिता एवं दक्षता को बढ़ावा देगा तथा सतत विकास का समर्थन करेगा।”
भारतीय सर्वेक्षण विभाग ‘नक्शा’ कार्यक्रम के लिए तकनीकी साझेदार है, जो हवाई सर्वेक्षण करने और तीसरे पक्ष के विक्रेताओं के माध्यम से राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेश की सरकारों को सटीक चित्र उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार है।
मंत्रालय के मुताबिक, कार्यक्रम के तहत मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक विकास निगम (एमपीएसईडीसी) की ओर से एक संपूर्ण वेब-जीआईएस मंच विकसित किया जाएगा, जबकि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र सेवा निगम (एनआईसीएसआई) की ओर से भंडारण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
उसने कहा कि कार्यक्रम के तहत राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की सरकारें ‘ऑर्थोरेक्टीफाइड इमेजरी’ (ज्यामितीय रूप से संशोधित उपग्रही या हवाई चित्र) के जरिये क्षेत्र का सर्वेक्षण करेंगी और जमीनी हकीकत का पता लगाएंगी, जिसके परिणामस्वरूप अंततःशहरी और अर्ध-शहरी भूमि अभिलेखों का अंतिम प्रकाशन होगा।
मंत्रालय के अनुसार, ‘नक्शा’ पायलट कार्यक्रम पर लगभग 194 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसका पूर्ण वित्तपोषण भारत सरकार करेगी।
उसने बताया कि इस अवसर पर ड्रोन उड़ाए जाएंगे और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पुस्तिका, वीडियो एवं नक्शा कार्यक्रम पर ‘फ्लायर’ जारी किया जाएगा।
भाषा पारुल